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अगलगी की घटना को लेकर डीएम ने किया अलर्ट

समस्तीपुर। अगलगी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार ने सभी अंचल अधिकारी को कई न

By Edited By: Published: Sat, 30 Apr 2016 12:24 AM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2016 12:24 AM (IST)
अगलगी की घटना को लेकर डीएम ने किया अलर्ट

समस्तीपुर। अगलगी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार ने सभी अंचल अधिकारी को कई निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि अगलगी की घटना की सूचना मिलते ही घटना स्थल पर तुरंत दौरा करें तथा बिना विलंब किए पीड़ित परिवार को सारी सरकारी सुविधा मुहैया कराई जाए। साथ ही सभी अनुमण्डल पदाधिकारी तथा अंचल अधिकारी को पत्र प्रेषित कर निर्देश दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक सरकारी निर्देश का ²ढतापूर्वक अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। इसके तहत सुबह 9 बजे के पहले खाना बना लिया जाय। पूजा-पाठ हेतु किए जाने वाले अनुष्ठान को 9 बजे के पहले सम्पन्न करा लिया जाय। खेतों में गेहूं काटने पर बचे डंठल को नहीं जलाया जाय। इन निदेर्शो का उल्लंघन करने पर अग्निकांड की घटना होने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अध्याय दस धारा 51 (बी) अनुरूप की जायगी। जिला पदाधिकारी ने कहा है कि अगलगी की घटना में जनामाल की भारी नुकसान एवं गृह क्षति होती ह । इसलिए अगलगी की घटना न हो इसके लिए आवश्यक सावधानी बरतने की अपील आम लोगों से की है।

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अगलगी की से बचाव के लिए क्या करें

स्टोव या लकड़ी, गोइठा आदि के जलावन वाले चूल्हे पर खाना बनाते वक्त सावधानी बरते। हमेशा सूती वस़्त्र बहनकर ही खाना बनावें। गेहूं दौनी का काम हमेशा रात में तथा गांव के बाहर खलिहान में जाकर करें। घर व खलिहान पर समुचित पानी व बालू की व्यवस्था रखें। खाना पकाते समय रसोईघर में वयस्क मौजूद रहे, बच्चों को अकेला न छोडे़। खिड़की से स्टोव के बर्नर तक हवा न पहुंच पाए, इस बात की पूरी तसल्ली कर लें। सरकारी सहायता पाने के उद्देश्य से जानबूझकर अपनी सम्पत्ति में आग लगाने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने में प्रशासन की मदद कर जागरूक नागरिक अवश्य बनें। तौलिये या कपड़े का इस्तेमाल सावधानी से गर्म बर्तन उतारने के लिए करें। तैलीय पदार्थ से लगी आग पर पानी न डालें।सिर्फ बे¨कग सोडा, नमक डालें या उसे ढंक दें। खिड़की के बाहर कोई चादर या तौलिया लटका दें ताकि बाहर लोगों को पता चल सके कि आप कहां है और आपको मदद चाहिए। गैस चूल्हे का इस्तेमाल करने के तुरंत बाद सि¨लडर का नॉब बंद कर दें। बिजली तारों एवं उपकरणों की नियमिति जांच करें। घर में अग्निशमन कार्यालय तथा अन्य आपातकालीन नंबर लिखा हुआ हो और घर के सभी सदस्य को इन नंबरों के बारे में पता हो। आग लगने पर दमकल विभाग को फोन करें और उन्हें अपना पूरा पता बताएं फिर दमकल विभाग जैसा कहें वैसा ही करें।

आग से बचाव के लिए क्या नहीं करें

बच्चों को माचिस या आग फैलाने वाले एवं अन्य सामानों के पास न जाने दें। बीड़ी सिगरेट, हुक्का आदि पीकर जहां-तहां नहीं फेंके, उसे पूरी तरह बुझने के बाद ही फेंके। चूल्हा, ढिबरी, मोमबत्ती, कपूर इत्यादि जलाकर न छोंडे़। अनाज के ढेर, फूस या खपड़ैल की झोपड़ी के निकट अलाव व डीजल इंजन नहीं चलाए। सार्वजनिक स्थलों, ट्रेनों एवं बसों में ज्वलनशील पदार्थ ने ले जाएं। आपके कपड़े में अगर आग लग जाए तो दौड़ना नहीं चाहिए बल्कि जमीन पर लेटकर गोल-गोल कर आग बुझावें। खाना बनाने के समय ढीले-ढाले कपड़े न पहनें। अग्नि दुर्घटना के दौरान की भी लिफ्ट का प्रयोग नहीं करें। गैस की दुर्गंध आने पर बिजली के स्वीच को न छुऐ। खाना पकाते समय रसोईघर में बच्चों का अकेला न छोडे़।


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