स्वच्छ पेयजल का सपना नहीं हो सका साकार
समस्तीपुर। 2 करोड़ 22 लाख की लागत से निर्मित प्यूरीफाईड ग्रामीण जलापूर्ति योजना चुनाव प्रचार के लिए आ
समस्तीपुर। 2 करोड़ 22 लाख की लागत से निर्मित प्यूरीफाईड ग्रामीण जलापूर्ति योजना चुनाव प्रचार के लिए आने वाले नेताओं को मुंह चिढ़ा रहा है। स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के सराकारी दावे के बावजूद वर्षों बाद भी बुंद भर पानी नहीं टपक सका। लोक स्वास्थ अभियंत्रण विभाग के द्वारा संचालित यह योजना महज एक तकनीकी खराबियों के कारण बेकार पड़ा हुआ है। परिणाम स्वरूप प्यूरीफाईड जल का सपना साकार नहीं हो सका। जबकि आर्सेनिक का प्रभाव क्षेत्र में धीरे-धीरे पांव पसारता जा रहा है। जो एक बड़ी ¨चता के साथ योजना के बंद रहने का मलाल अब लोगों को सताने लगा है। विधानसभा चुनाव की तिथि निकट आ रही है, तो दूसरी ओर यह एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। बताते है स्वच्छ पेयजल आपूर्ति को लेकर वर्ष 2012 में अंदौर, सुलतानपुर, दशहारा, हरैल, मोहनपुर के जौनापुर एवं मटिऔर गांव में इसकी शुरुआत की गई थी। बड़े ही
ताम झाम से अलग-अलग पंचायतों मे बो¨रग एवं भवन निर्माण कराकर प्यूरीफाईड यंत्र लगाया गया था। हर टोले मोहल्ले में नल भी लगाया गया। जहां बताया जाता है कि मोटर के आलावे प्यूरीफाईड यंत्र मे गड़बड़ी आ गई जिसे अब तक ठीक नहीं किए जाने से सरकार की यह महत्वकांक्षी करोड़ों की योजना दम तोड़ रही है।