केंद्र सहयोग को तैयार
- राज्य की पहल पर वित्त रहित शिक्षकों की समस्या भी होगी दूर विभूतिपुर, हसनपुर : अगर राज्य सरकार
- राज्य की पहल पर वित्त रहित शिक्षकों की समस्या भी होगी दूर
विभूतिपुर, हसनपुर : अगर राज्य सरकार पहल करे तो वित रहित शिक्षा नीति के तहत कार्यरत शिक्षकों की समस्या के समाधान के लिए केन्द्र हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है। क्योंकि वित्त रहित शिक्षा नीति बिहार के लिए कलंक का विषय रहा है। यह बात केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कही। वे विभूतिपुर और हसनपुर में बातें कर रहे थे। उन्होंने कहा कि साक्षर भारत मिशन के तहत कार्यरत प्रेरकों के मानदेय बढ़ाने की दिशा में विभाग गौर कर रहा है। लेकिन पटना की सरकार एक मात्र बाधा है। जिसके कारण नौजवानों के चेहरे पर मुस्कान लाने में दिक्कतें आ रहीं हैं। सर्व शिक्षा अभियान का 65 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार देती हैं जिससे विहार में कार्यरत कर्मियों के बेतन का भुगतान होता है। उन्होने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गयी है। भूमि के अभाव में कई केन्द्रीय विद्यालय बंदी के कगार पर है। राज्य में राज्य सरकार के सहयोग के बिना कार्य संभव नहीं है। बिहार में महाविद्यालय और विश्वविद्यालय तक में अधिकतर शिक्षकों के पद खाली हैं। प्राथमिक शिक्षकों की अपनी समस्याएं हैं। शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्य में लगाया जाता है जो अनुचित है। उन्होने कहा कि बड़े भाई छोटे भाई के विलय का एजेन्डा का चेपटर क्लोज हो गया है। वे गठबंधन के तहत हीं चुनाव लड़ेगें। मांझी के भाजपा के गठबंधन में शामिल होने के सवाल पर उन्होनें कहा कि मांझी पेंडुलम में हैं। स्वयं नहीं तय कर पा रहे हैं कि किधर जांए। मौके पर जनार्दन प्रसाद आजाद,बैद्यनाथ ¨सह,तुफैल अहमद,रामसकल राय,अवनींद्र कुमार ¨सह उर्फ चिकु ¨सह,रमेश कुमार राय,यमुना प्रसाद ¨सह,अनंत कुशवाहा,लालबाबु महतो,शशांक कुमार,ललन यादव,कुनकुन मिश्र, रामबाबु यादव,प्रमोद कुमार,रामाशीष धुरंधर,सुधीर मिश्रा सहित सैकड़ों लोजपा एवं इसके गठबंधन दल के कार्यकत्र्ता मौजूद थे।