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अस्पताल की व्यवस्था अपडेट करने का टास्क

समस्तीपुर, संस : स्वास्थ्य विभाग के अपर कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार ने रविवार को सदर अस्पताल का औ

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 01:10 AM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 01:10 AM (IST)
अस्पताल की व्यवस्था अपडेट करने का टास्क

समस्तीपुर, संस : स्वास्थ्य विभाग के अपर कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार ने रविवार को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कड़ी हिदायत दी कि विभिन्न योजनाओं के तहत जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसे तीन महीनों में पूरा करें। परिवार कल्याण व बच्चों के प्रतिरक्षण पर विशेष बल दिया जाए। अस्पतालों में दवा हमेशा उपलब्ध रहे। ओपीडी के निरीक्षण के क्रम में जर्जर वाय¨रग को देखते हुए नाराजगी व्यक्त की। गहन नवजात शिशु इकाई में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था नहीं रहने की स्थिति में तत्काल सिविल सर्जन डा. गिरिन्द्र शेखर ¨सह को डीएम से इसकी व्यवस्था कराने के लिए मिलने का निर्देश दिया। यहां के बाद बाद श्री कुमार पोषण पुर्नवास केन्द्र पहुंचे। यहां पर संतोषजनक कार्य को देखते हुए काफी प्रशंसा की। साथ ही इसके लिए बढि़या रिमाक्स भी दिया। लेबर रुम के निरीक्षण के दौरान लेबर रूम में लेबर टेबल की जगह एग्जामिनेशन टेबल पर प्रसव कराने की व्यवस्था को देखते हुए फटकार लगाई। प्रभारी डीपीएम सह डीपीसी आदित्य नाथ झा को तत्काल लेबर टेबल खरीदने को कहा। इसके अलावा अस्पताल के सभी वार्ड व शल्य कक्ष का भी निरीक्षण किया। सीएस ने बताया कि सदर अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से माड्यूलर (हाईटेक) आपरेशन थियेटर का निर्माण कराने के लिए इस स्थान को चिह्नित किया गया है। बताया कि बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराने के उद्देश्य से हाईटेक आपरेशन थियेटर बनाया जा रहा है।

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पूर्व में हाई-टेक ऑपरेशन थियेटर के लिए भेजी जा चुकी है रिपोर्ट

बता दें कि पूर्व में ही राज्य स्वास्थ्य समिति के अपर कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ने सीएस को माडलूयर आपरेशन थियेटर बनाने को लेकर स्थान चिह्नित कर 20 दिसंबर से पहले रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था। सीएस द्वारा चिह्नत स्थान की बाबत अस्पताल प्रबंधक ने रिपोर्ट भेज दी थी। निरीक्षण के क्रम में एईओ ने सीएस से कहा कि माड्यूलर ओटी बनने तक इमरजेंसी वार्ड के आपरेशन थियेटर में आपरेशन की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि, आपरेशन समुचित ढंग से हो सके। एईओ ने वार्ड में पहुंचकर मरीजों को दिए जानेवाले चादर व कंबल की भी जानकारी ली। इस दौरान सतरंगी चादर योजना के तहत अस्पताल में उपलब्ध चादर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। वहीं अस्पताल में कार्य करने वाले सफाई एजेंसी की प्रशंसा की। मौके पर सिविल सर्जन डा. गिरिन्द्र शेखर ¨सह, प्रभारी उपाधीक्षक सह सर्जन डा. अशोक व‌र्द्धन सहाय, डा. एसके चौधरी, प्रभारी डीपीएम सह डीपीसी आदित्य नाथ झा, आलोक कुमार, आरिफ अली सिद्दीकी, सुमन कुमार, अस्पताल प्रबंधक विश्वजीत रामानंद सहित आदि उपस्थित थे।

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प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को लगी फटकार : स्वास्थ्य विभाग के अपर कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार ने शनिवार की रात्रि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कल्याणपुर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान पीएचसी में बने नए भवन का निरीक्षण किया। इसमें मिली गड़बड़ियों को लेकर जल्द से जल्द सुधार करने का निर्देश दिया। बताया गया कि नए भवन में मरीजों के लिए वार्ड उपरी तल पर बनाया गया। लेकिन उपर चढ़ने के लिए रैंप की जगह सीढ़ी बनाया गया है। जिसमें सुधार करने को कहा गया। इस दौरान अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया। इसमें मिली गड़बड़ियों को सुधारने के लिए सख्त निर्देश दिया। इस दौरान पीएचसी कल्याणपुर में संचालित 102 एंबुलेंस के ईएमटी व ड्राईवर ने फरवरी माह से ही वेतन नहीं मिलने की शिकायत की। इसे गंभीरता से लेते एईओ ने तत्काल सीएस को वेतन भुगतान कराने का निर्देश दिया। इसपर सीएस ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. शिवनाथ शरण को फटकार लगाते हुए जमकर क्लास लगाई। साथ ही कहा कि एंबुलेंस कर्मियो के मानदेय भुगतान का निर्देश 4 दिसंबर को ही दिया जा चुका था। इसके बाद भी उच्चाधिकारी के आदेश का पालन नहीं करना मनमानी को दर्शाता है। सीएस ने सख्त लहजे में तीन दिनों के अंदर एंबुलेंस कर्मियों के मानदेय का भुगतान करते हुए रिपोर्ट दें। बता दें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कल्याणपुर में 102 एंबुलेंस सेवा फरवरी 2014 से संचालित की जा रही है। लेकिन कर्मियों को अब तक मानदेय का भुगतान नहीं किया जा सका है। इस संबंध में एंबुलेस पर कार्यरत प्रकाश कुमार गुप्ता, विष्णु देव साह, प्रकाश चौधरी सहित अन्य ने संयुक्त रुप से आवेदन देकर मानदेय भुगतान नहीं होने की शिकायत की थी। जिसके कारण कर्मियों का परिवार भुखमरी के कगार पर था। साथ ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के मौखिक निर्देश पर कर्मियों ने 102 एंबुलेंस की मरम्मत भी कराई। जिसकी कुल लागत 11,465 रुपया आई। मौखिक आदेश पर वाहन की मरम्मत करवाना वित्तीय नियम के विरुद्ध है। साथ ही वाहन की मरम्मत के समय स्वास्थ्य प्रबंधक या लेखापाल को उपस्थित होने का आदेश भी देना था। इस पर सीएस ने पूर्व में भी सख्त निर्देश देते हुए मानदेय भुगतान करने का निर्देश दिया था।


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