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'उत्तम सोच से ही आदमी बनता उत्तम'

मुसरीघरारी, संस : गायत्री महामंत्र की साधना कर विश्वामित्र ने दूसरे ब्रह्मांड की रचना करने में सशक्त

By Edited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 04:14 AM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 04:14 AM (IST)
'उत्तम सोच से ही  आदमी बनता उत्तम'

मुसरीघरारी, संस : गायत्री महामंत्र की साधना कर विश्वामित्र ने दूसरे ब्रह्मांड की रचना करने में सशक्त बने। वशिष्ठ ब्रह्म ऋ षि बने। विष्णु सर्व समर्थ परमेश्वर बने। जो गायत्री महामंत्र की साधना करता है। वह सूर्य विष्णु वशिष्ठ और विश्वामित्र सा परम तेजवान बनकर विश्व कल्याण में सर्व समर्थवान बन जाता है। उपरोक्त बातें मुसरीघरारी स्थित डॉ. विजय कुमार के आवास पर आयोजित विराट सत्संग समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. चिन्मय पाण्डया ने कही।

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डॉ. पाण्डया ने कहा कि गायत्री साधना से प्राप्त असीम ऊर्जा के कारण मानव की सोच परिष्कृत होती है। सोच उत्तम बनती है तब व्यक्ति उत्तम बनता हैं। जब उन्नत सोच से हम बदलेंगे तभी मानवता का निर्माण कर विश्व कल्याण होगा। गायत्री परिवार का यह एक मात्र बड़ा उद्देश्य है। ऐसा करने से न सिर्फ घर की अशाति जाएगी। बल्कि समाज की अशाति एवं राष्ट्र तथा विश्व स्तर पर कायम अशाति का भी अंत होगा। सम्पूर्ण विश्व का मानव शाति एवं खुशहाली को प्राप्त कर सकेंगे। केवल धन व्यक्ति को सुखी नहीं बना सकता है। समारोह को डॉ. विजय कुमार, प्रो. विजय कुमार झा, डॉ. रामावतार, डॉ अजय कुमार, निर्मला सिन्हा आदि ने संबोधित किया। मौके पर डॉ. सोनी कुमारी, आदित्य कुमार, रेखा अग्रवाल समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।


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