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सरल स्वभाव के व्यक्ति ही श्रीराम के सच्चे सेवक

उजियारपुर, संस : जब भगवान श्रीराम ने अयोध्यावासियों से यह कहा कि शकर की भक्ति करने वाले मानव ही असल

By Edited By: Published: Fri, 17 Oct 2014 03:35 AM (IST)Updated: Fri, 17 Oct 2014 03:35 AM (IST)
सरल स्वभाव के व्यक्ति ही श्रीराम के सच्चे सेवक

उजियारपुर, संस : जब भगवान श्रीराम ने अयोध्यावासियों से यह कहा कि शकर की भक्ति करने वाले मानव ही असली भक्त होने के हकदार है। तो इस पर अयोध्या की प्रजा ने प्रश्न किया कि शकर की भक्ति क्या है? इस पर भगवान श्रीराम ने इसका उत्तर देते हुए कहा कि इस पथ में न योग चाहिए न यज्ञ, न तप चाहिए न उपवास। इसमें तो सरल स्वभाव हो, मन में दुष्टता न हो तथा जैसा कुछ लाभ हो सदा उसमें संतोष करे। इस प्रकार का मानव मेरा सेवक कहलाता है। यह बात स्थानीय विशनपुर ठाकुरबाड़ी प्रागण में आयोजित अखण्ड रामचरित मानस पाठ के आयोजन के मौके पर प्रवचन करते हुए हनुमान कल्याण आराधना समिति के व्यास गुलाब प्रसाद मिश्र ने कही। मौके पर रामलखन कारजी, शरतचन्द्र ठाकुर, ब्रहमदेव राय, डा विजय कुमार मिश्र, बलिराम सिंह, कृष्णनंदन ठाकुर, उमेश ठाकुर, प्रवीण कुमार ठाकुर, अजय कुमार ठाकुर, विनय भगत, नन्दन कुमार मिश्र, शशिन्द्र मिश्र, प्रेमशकर मिश्र, व्यासनन्दन सिंह, खखनु महतो, सुरेशचन्द्र निराला समेत दर्जनों श्रद्धालु मौजूद रहे।


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