स्कूलों में ड्राप आउट का अध्ययन करने पहुंची यूएसए की टीम
जासं, समस्तीपुर : यहां के स्कूलों से बच्चों के ड्राप आउट से अमेरिका चिंतित है। गुरुवार को दो सदस्यीय अमेरिकी टीम स्कूलों में ड्राप आउट का अध्ययन करने पहुंची। टीम ड्राप आउट पर डाक्यूमेंटरी फिल्म बनाएगी। यूएसए से आई टीम में मिस जेनेफर तथा मिस्टर डेविड शामिल हैं। गुरुवार की शाम टीम मोहनपुर स्थित क्वैस्ट एलाइंस संस्था पर जाकर ड्राप आउट पर चल रहे कार्यक्रम का जायजा लिया। संस्था के सदस्यों के साथ-साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विमर्श किया। आनंदशाला कार्यक्रम की समीक्षा की। टीम ने बताया कि स्कूल छोड़ने वाले छात्रों और लंबे समय तक स्कूल से अनुपस्थित रहने वाले छात्रों पर इस कार्यक्रम के प्रभाव का मूल्यांकन क्रमहीन नियंत्रण परीक्षण के प्रयोग द्वारा किया जा रहा है। यह कार्यक्रम जिले 113 स्कूलों में उपचारात्मक और 107 स्कूलों में नियंत्रणात्मक विधि से किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 13 ब्लाक के 220 स्कूलों में कक्षा पांच के बच्चों के लिए चलाया जा रहा है। संस्था के स्टेट हेड शारिक मसद्दी ने बताया कि कार्यक्रम 2012 से शुरू है जो नंबर 2014 तक चलेगा। वहीं आनंदशाला कार्यक्रम सितंबर 2015 तक चलेगा यह पांच वर्षीय कार्यक्रम है। जिले में किए गए विश्लेषण से स्पष्ट हुआ है कि पढ़ाई की निम्न गुणवत्ता, स्कूल में गैर मैत्रीपूर्ण वातावरण, घर के कार्य, छोटे भाई बहनों की देखभाल, बाजार व खेत में काम करने के कारण बच्चे स्कूल छोड़कर जाते हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और समुदाय चैंपियनों का क्षमतावर्धन गतिविधियां है। इसका केन्द्र स्वयं व छात्रों को समझना चाहिए। शिक्षक व छात्र के रिश्ते में सुधार की जरूरत है। रचनात्मक व नेतृत्व क्षमता बढ़ाना है। मौके पर डीईओ बीके ओझा, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्वशिक्षा संजय कुमार, नेहा, नेमी, राकेश शर्मा, सुशांत, पायल भट्टाचार्य, हिमांशु कुमार आदि मौजूद थे।