बीडीओ पर हुए हमले ने उठाए कई सवाल
उजियारपुर (समस्तीपुर), संस. : सरायरंजन प्रखंड मुख्यालय पर मंगलवार को पैक्स मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर हुए भारी बवाल और आत्मदाह करने पहुंचे तीन सौ लोगों में से एक युवक द्वारा अपने शरीर में आग लगा लिए जाने की घटना से अभी प्रशासनिक अधिकारी उबरते कि बुधवार को अचानक उजियारपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी भृगुनाथ सिंह पर हमला हो गया। वह भी उस वक्त जब वे अपने दफ्तर में सरकारी कार्यो को निबटा रहे थे। बीडीओ पर हमले को लेकर इलाके में बहस छिड़ गई है। कुछ इसे आम लोगों को सूची से दूर किए जाने को लेकर पनपे आक्रोश का फूटना बता रहे थे। लोगों का कहना था कि अभी इतनी अराजक स्थिति नहीं हुई है कि बिना किसी कारण के ही आम आदमी एक सरकारी अधिकारी पर हमला कर देगा और उसके साथ इस कदर मारपीट होगी। वहीं लोगों को कहना था कि सूची को लेकर कुछ शरारती तत्व अराजक स्थिति पैदा कर अपने राजनीति की रोटी सेंक रहे हैं। अब सवाल यह कि विरनामा तुला पंचायत की सूची में किस स्तर पर गड़बड़ी की गई है। यदि हुई तो क्या इसके लिए आपत्ति लिया गया? यदि नहीं तो क्या इसके लिए नियमों के तहत न्याय नहीं लिया जा सकता था? सीधे तौर पर बीडीओ पर हमला क्यों हो गया? जितने मुंह इतनी बातें। लेकिन, सबसे उपर यह कि क्या प्रशासनिक कार्रवाई से लोगों का भरोसा कमा है।
जमी रही भीड़ : प्रखण्ड कार्यालय पर बुधवार को बीडीओ भृगुनाथ सिंह के साथ कुछ शरारती तत्वों द्वारा की गई मारपीट से वहा का माहौल दिन भर गर्म रहा। एक ओर कार्यालय कर्मी सभी काम छोड़कर बीडीओ के कक्ष में पुलिस व अन्य पदाधिकारियों के साथ चल रही वार्ता पर अपनी कान लगाए हुए थे। वहीं बाहर खडे़ क्षेत्र के विभिन्न गावों से आए समाजिक कार्यकर्ताओं की भीड लगी रही। लोग घटना पर तरह-तरह की चर्चाएं करते रहे।
खुली पोल : प्रखंड कार्यालय में घुसकर बीडीओ के साथ मारपीट की घटना का अंजाम देकर लोग आसानी से निकल गए यह कहीं न कहीं अंचल व प्रखण्ड की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल है। लोगों का कहना था कि यहां की सुरक्षा व्यवस्था ठीक रहती तो शायद ऐसी घटना नहीं होती। मामले में बीच बचाव किया जा सकता था।
परेशान दिखे अधिकारी : मौके पर आए सीओ आदित्य विक्रम, बीएसओ प्रवीण कुमार झा सहित अन्य पदाधिकारी और कर्मियों में घटना के बाद दहशत है। वे लोग अपनी सुरक्षा व्यवस्था की कमी महशूस कर रहे हैं। सीओ ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए उन्होने तीन-तीन बार वरीय पदाधिकारी से बीएमपी के जवानों की तैनाती करने का अनुरोध किया। परन्तु उनकी बाते बेअसर बनकर रह जाती हैं। ऐसे में काम करने में भय बना रहता है। इस घटना ने केवल पदाधिकारी और कर्मियों को ही नहीं, बल्कि वैसे सभी लोगों को चिन्ता में डाल दिया है, जो बीडीओ से आमलोगों की भाति मिलकर अपनी समस्या कहने के लिए बेधड़क उनके कक्ष में प्रवेश करते थे।
मुख्यालय में नहीं रहना चर्चा में
उप प्रमुख राजेश्वर महतो, सीपीएम अंचल मंत्री महावीर पोद्दार सहित अन्य लोगों ने घटना के पीछे लोगों के गुस्सा होने के कारणों में प्रखण्ड सहकारिता पदाधिकारी का मुख्यालय में नहीं रहना भी बताया है। वे कहते हैं कि यदि बीसीओ प्रखण्ड में मौजूद मिलते तो लोग आसानी से पैक्स संबंधी शिकायतों का निपटारा करा सकते थे। परन्तु लोग उनकी अनुपस्थिति में पैक्स से जुड़े सवालों को भी हमेशा बीडीओ से ही जानने की कोशिश करते हैं।
हमले की पहली घटना : स्थानीय लोगों की मानें उजियारपुर प्रखंड के लिए अबतक की यह पहली घटना है। जिसमें इस तरह से बीडीओ पर जानलेवा हमला किया गया। ऐसा कभी नहीं हुआ जब कोई आम आदमी जाकर पदाधिकारी के साथ मारपीट कर भाग निकले।