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कौन जाने किस घड़ी वक्त का बदले मिजाज

By Edited By: Published: Thu, 28 Aug 2014 09:37 PM (IST)Updated: Thu, 28 Aug 2014 09:37 PM (IST)
कौन जाने किस घड़ी वक्त का बदले मिजाज

डा. विनय कुमार शर्मा, कल्याणपुर : थाना क्षेत्र के वासुदेवपुर की सीमा पर गुरुवार की दोपहर हुई सड़क दुर्घटना को जिसने भी देखा, जो भी सूना सबके होश उड़ गए। सभी ने एक तरफ से नियति को कोसा। उस वक्त को भी कोसा। सबों के चेहरे पर एक ही भाव। आखिर क्या कसूर था उस मां-बाप का। जिसके जीते-जी भगवान ने उसकी दुनियां उजाड़ दी। घटना की सूचना मिलते ही पूजा के घर में कोहराम मच गया। पिता का साया तो तीन वर्ष पहले उसके सिर से उठ गया था। घर में एक विधवा मां और छोटा भाई ही था। मां की आस अपनी बड़ी बेटी पर च्यादा ही थी। उसे विश्वास भी था कि पढ़-लिखकर शायद वह कुछ कर पाए और जीवन की नैया आराम से चलेगी। पूजा का छोटा भाई अविनाश जो दसवीं कक्षा का छात्र है, वह भी अपने दीदी से ही सबकुछ सीख रहा था। क्योंकि इतनी कम उम्र में ही पूजा स्वयं की पढ़ाई के साथ-साथ कंप्यूटर में शिक्षित होने के कारण एक संस्थान में पढ़ाती भी थी। उससे हुए उपार्जन को वह अपनी और भाई की पढ़ाई में खर्च करती थी। चाचा सुबोध प्रधान और विनोद प्रधान ही घर के तारणहार थे। पर उन्हें क्या मालूम था कि आज उनलोगों के जीवन में पूजा का आखिरी दिन होगा। पर यही हुआ। सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचे चाचा दहाड़े मारकर रोने लगे। वहीं उनके निकटवर्ती मित्र उन्हें यही सांत्वना दे रहे थे कि कौन जाने, किस घड़ी वक्त का बदले मिजाज। भगवान के आगे सब झूठा है। इधर, चकमेहसी थाना क्षेत्र के डढि़या निवासी लालबाबू राय उर्फ चंद्रिका राय के बड़े पुत्र चंदन कुमार की मौत की सूचना से भी परिजनों में कोहराम मच गया। घटनास्थल पर पहुंचे पिता, मां नीरु देवी, छोटा भाई नंद कुमार तो बेहोश ही हो गए। पिता को क्या पता था कि जिस बड़े बेटे पर सब की आस थी। आज वही नहीं रहा। बेलसंडी पंचायत के मुखिया राम शेखर राय उर्फ लालबाबू परिजनों को समझा रहे थे। धीरज धरुं। लोगों के आंखों से आंसूओं की धारा अविरल बह रही थी। पर शायद उस दर्द को भगवान भी नहीं समझ पा रहे थे। लोगों का कहना था कि आखिर इस मां-बाप का क्या कसूर था, जिसके जीते-जी उपर वाले ने उसके जवान पुत्र को उठा लिया।

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एक्सीडेंट जोन बना कल्याणपुर रोड

कल्याणपुर : समस्तीपुर-दरभंगा पथ में कल्याणपुर तक की सड़क एक्सीडेंटल जोन बना हुआ है। आए दिन यहां दुर्घटना होती रहती है। अब तक कई की जान भी जा चुकी है। लोग सड़क पर भी उतरे हैं। कुछ घंटे के लिए कई बार सड़क जाम भी हुआ है। मुआवजे की रकम भी परिजनों को मिली है। पर नही हो सका है इस समस्या का स्थायी निदान। वैसे इस सड़क की बनावट भी ऐसी है कि जगह-जगह बने घुमावदार मोड़ ऐसे हैं कि जब कभी भी चालक थोड़ा भी असंतुलित होता है कि दुर्घटना हो जाया करती है।

स्पीड पर लगे ब्रेक तो लग सकता है घटनाओं पर विराम

कल्याणपुर जाने वाली घुमावदार सड़कों पर हो रहे हादसे की मुख्य वजह वाहनों की रफ्तार ही मानी जा रही है। चिकनी सड़कों के कारण अधिकांश गाड़ियों के चालक इस सड़क पर अपनी गति सीमा की चिंता किये बिना फर्राटा भरते रहते हैं। इस कारण गाड़ी थोड़ी भी असंतुलित होती है तो दुर्घटना हो जाती है, और मौत बिना दावत के ही चली आती है। गुरुवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। इसमें भी दो की जान चली गई। कई गंभीर भी हो गए। हालांकि चालक फरार हो गया। पर यदि प्रशासन वाहनों की स्पीड पर ब्रेक लगाने में सफल नहीं हुई तो और भी कई हादसों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।


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