कही विद्युत कर्मी की लापरवाही का शिकार तो नहीं बना दयानिधि?
शाहपुरपटोरी, संस. : विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण एक मिस्त्री की जान चली गई। ऐसी चर्चाएं आमलोगों में तेज है। सोमवार की शाम भौआ में करंट लगने से मिस्त्री दयानिधि दिवाकर की मौत घटना स्थल पर हो गई थी। मौत के बाद सड़क जाम से निबटने के लिए अनुमंडल के वरीय अधिकारियों ने भले ही यह आश्वासन दिया था कि दोषी पर कार्रवाई होगी, किन्तु इस ओर प्रशासन कितना सजग है इसका अनुमान लाने वाले दिनों में लगेगा। इधर इस मौत के मामले को ले स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिये गये हैं। थानाध्यक्ष से मिली जानकारी के अनुसार आवेदन में ऐसा कुछ नहीं लिखा गया है जिसके आधार पर किसी के ऊपर प्रत्यक्ष आरोप बनता हो। इस घटना के बाद इतना तो स्पष्ट हो ही गया है कि करंट लगने के पीछे कहीं न कहीं विद्युत विभाग के अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही अवश्य हुई है। पटोरी में कार्यरत जेई कुणाल कुमार बताते है कि घटना की शाम हवासपुर स्थित सब-स्टेशन को मोबाईल द्वारा भौआ फ ीडर का लाईन काटने को कहा गया था। सब-स्टेशन से लाईन काटे जाने की पुष्टि किए जाने के बाद फ्रेन्चाईजी कन्हैया को लाईन काट दिये जाने की सूचना दी गयी थी। इसी सूचना के बाद बिजली मिस्त्री दयानिधि पोल पर चढ़ा और करंट की चपेट में आ गया। जेई के अनुसार यह जाच का विषय है कि लाईन काटे जाने के बाद भी विद्युत सप्लाई कैसे जारी रही? कही दयानिधि दिवाकर से किसी ने दुश्मनी तो नहीं साधी? कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी दूसरे फीडर का लाईन काट दिया गया और जिधर कार्य हो रहा था उसका लाईन चालू ही रहा? इन सभी प्रश्नों से यह स्पष्ट है कि विद्युतकर्मी में कहीं न कहीं दोष अवश्य है। यदि पुलिस प्रशासन इस मामले की सजगता से जाच करें तो इस घटना के पीछे का सच सामने आ सकता है और दोषी कर्मी का पर्दाफ ाश हो सकता है। ऐसे इस घटना पर क्षेत्र में राजनीति का माहौल गर्म हो गया है। ऐसे में लोगों मामना है कि सच्चाई तक पहुंच पाना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।