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अस्पताल में दवा खत्म, जांच घर बंद

सहरसा। अनुमंडल का सरकारी अस्पताल। लाखों के आबादी की सुरक्षा का जिम्मा। लेकिन यहां दवाएं ख

By Edited By: Published: Wed, 04 Jan 2017 05:11 PM (IST)Updated: Wed, 04 Jan 2017 05:11 PM (IST)
अस्पताल में दवा खत्म, जांच घर बंद

सहरसा। अनुमंडल का सरकारी अस्पताल। लाखों के आबादी की सुरक्षा का जिम्मा। लेकिन यहां दवाएं खत्म है। स्वास्थ्य प्रबंधक हों या चिकित्सा प्रभारी सब कुछ प्रभार में है। जांच घरों की हालत यह है कि जब मन हुआ तो खुलता है अन्यथा मरीज भटकते रहते हैं।

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अपने बच्चे का इलाज कराने आई रंजना देवी ने बताया कि चिकित्सक ने बच्चे को देख कर पांच दवा लिखी पर अस्पताल से मात्र दो दवा मिल पाई। खांसी का कफ सिरप नहीं दिया गया। दवा वितरण कर रहे डाटा ऑपरेटर ने बताया कि इस अस्पताल में कफ सिरप गत चार माह से उपलब्ध नहीं है। सरकारी स्तर पर मुफ्त दिये जाने वाली 33 दवाओं में मात्र 10 से 12 टाइप की दवा ही मौजूद है। दवा वितरण प्रभारी श्याम सुंदर प्रसाद कहीं निकले हुए थे। अपनी नतिनी को लेकर रंगीनियां से आई मिला देवी ने बताया कि सभी दवा बाहर से खरीदनी पड़ी। चार घंटे बीतने के बाद भी कोई सुधार नहीं होता दिख रहा है। भगवानपुर से इलाज कराने आई प्रियंका कुमारी ने बताया कि उन्हें भी सभी दवा बाहर से खरीदनी पड़ी। ओपीडी में ड्यूटी पर तैनात डॉ. हरेन्द्र प्रसाद आर्य ने बताया कि यह अस्पताल दवा की कमी से जूझ रहा है। कई बार तो मरीज एवं उनके परिजनों के आक्रोश का शिकार चिकित्सकों को होना पड़ता है।

समय 10:40

अस्पताल के पूछताछ काउंटर पर कोई नहीं था। काउंटर पर ताला लटका रहा यानी दिन के एक बजे तक ताला लटका रहा।

समय 10.50

अस्पताल के ओपीडी में एक चिकित्सक डॉ. हरेन्द्र कुमार आर्य तैनात थे। दूसरी तरफ प्रसव वार्ड में दो नर्स एक विक्टोरिया एवं दूसरी शांति कुमारी मौजूद थीं। प्रसव वार्ड में चादर मौजूद नहीं थी। संवाददाता के देख कर नर्स ने चार चादर प्रसव वार्ड में लाकर बेड पर रख दिया। प्रसव पीड़िता मधुबन की हुस्ना बानो, रूपक कुमार की पत्नी ने बताया कि सभी दवा बाहर से मंगवानी पड़ी। उनका हल्का ऑपरेशन हुआ है वह भी नर्स द्वारा किया गया। नर्स ने बताया कि एक एमबीबीएस महिला चिकित्सक डॉ. सोनी यहां है परंतु उनकी ड्यूटी आज नहीं है।

समय 10:45 बजे

10:45 बजे तक प्रखंड लेखा प्रबंधक, एनजीओ एवं सरकार द्वारा चलाया जा रहा जांच घर बंद था। जैसे ही पता चला जांच घर को खोला गया।

समय 11:30 बजे

अस्पताल में न तो चिकित्सा पदाधिकारी दिखे और न ही स्वास्थ्य प्रबंधक। पूछने पर एक कर्मी ने बताया कि स्वास्थ्य प्रबंधक परिक्षित कुमार छुट्टी पर हैं। वे सोनवर्षा राज के प्रबंधक हैं उन्हें सिमरीबख्तियारपुर अस्पताल का भी अतिरिक्त प्रभार मिला हुआ है। समय 11:32 बजे अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्य पर्यवेक्षक संजय कुमार ¨सह ने बताया कि वे प्रतिरक्षण के कार्य में लगे हुए थे। उन्होंने बताया कि चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एनके ¨सह महिषी के प्रभारी हैं वे रात में यहां समय देते हैं दिन में महिषी चले जाते हैं। वार्ड पार्षद नरेश निराला एवं हिंद रिपोर्ट कल्ब के हसनैन मोहसिन ने बताया कि वे चिकित्सा प्रभारी और हेल्थ मैनेजर यहां बहुत कम समय देते हैं जिसके कारण सारी व्यवस्था चरमरा गयी है।


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