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एकाढ़ में हुआ महाशिवरात्रि पर रूद्राभिषेक

सहरसा। महाशिवरात्रि के अवसर पर चन्द्रायण पंचायत के एकाढ़ गांव में हनुमान मंदिर परिसर में पुराने देवन

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 11:39 PM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 11:39 PM (IST)
एकाढ़ में हुआ महाशिवरात्रि पर रूद्राभिषेक
एकाढ़ में हुआ महाशिवरात्रि पर रूद्राभिषेक

सहरसा। महाशिवरात्रि के अवसर पर चन्द्रायण पंचायत के एकाढ़ गांव में हनुमान मंदिर परिसर में पुराने देवनवन मंदिर के शिव¨लग के भग्नावेश का रूद्राभिषेक किया गया। दिन भर ऊं नम: शिवाय के जप के बीच पूजा करने वाले शिव भक्तों का तांता लगा रहा। देर रात शिवजी के बारात की झांकी निकली। ढोल की थाप के बीच भूत-प्रेत, साधु-संत की वेशभूषा में शामिल लोग आकर्षण के केन्द्र रहे।

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मंदिरों में शिव¨लग पर दूध, घी, शहद चढ़ाया गया और भक्तों ने भोलेनाथ की पूजा की। साहपुर देवनवन से निकली झांकी परसबन्ना, कुम्हरौली, मझौल, साहपुर गांव का भ्रमण किया। शिव-पार्वती विवाह उत्सव पर जदयू जिलाध्यक्ष धनिकलाल मुखिया, पैक्स अध्यक्ष झमेली दास, मुखिया गीता देवी, सरपंच लक्ष्मी मिस्त्री, जाप नेता नरेश गुप्ता, गणेश राय, मनोहर साह, राजद नेता शंकर यादव समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। साहीडीह राजेश्वर स्थान में रामचरित मानस सत्संग में भक्तों देर शाम तक जमे रहे। शिव धुनि और शिव पार्वती विवाह देखने नवहट्टा एवं आसपास के गांव के साथ ही सुपौल के भी लोग जमा हुए।

महाशिवरात्रि से जुड़ी पौराणिक कथाएं

महाशिवरात्रि से जुडी कई कथाएं प्रचलित है। इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान निकले कालकूट नामक विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में रख लिया था। इसका एक महत्व यह भी है कि इसी दिन मां गौरी और भगवान शिव की शादी हुई थी।


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