कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि से सहमे लोग
सहरसा। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। नदी के पेट भरते देख तटबंध के अंदर बसे लोग
सहरसा। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। नदी के पेट भरते देख तटबंध के अंदर बसे लोग सहम गए हैं। नदी के लगातार ऊपर की ओर बढ़ते जलस्रव के कारण लोगों में अभी से ही भय का माहौल बनने लगा है। बाढ़ कैलेंडर के शुरुआत के पहले सप्ताह में ही वीरपुर बराज पर 80 हजारर क्यूसेक जलस्राव नापा गया है।
कोसी नदी का जलस्त्राव
बाढ़ कैलेंडर के अनुसार 15 जून से 31 अक्टूबर तक नदी का जलास्त्राव पर जलसंसाधन विभाग की नजर बनी रहती है। अब तक जारी रिपोर्ट के अनुसार 16 जून को अधिकतम 35 हजार 810 क्यूसेक, 17 जून को 39 हजार 580 क्यूसेक, 18 जून को 40 हजार 705 क्यूसेक, 19 जून को 43 हजार 543 क्यूसेक, 20 जून को 52 हजार 75 क्यूसेक, 21 को 69 हजार 805 क्यूसेक, 22 जून को 80 हजार 825 क्यूसेक एवं 23 जून को 80 हजार 890 क्यूसेक वीरपुर बराज पर रहा।
सुरक्षा के मद्देनजर तैयारी में जुटे लोग
तटबंध के अंदर बसे लोग नदी के बढ़ते जलस्तर को देख सहम गए हैं। दूर-दूर तक अब पानी ही पानी है। नदी के बीच में बनी टीलानुमा जमीन नहीं दिख रही है। असई के शिक्षक विष्णुदेव विश्वास कहते हैं लोग सुरक्षा के मद्देनजर तैयारी में जुट गए हैं। पशुओं को ऊंचे स्थान पर ले जाना शुरू कर दिया है। केदली के अनिरुद्ध मुखिया कहते हैं मानसून से पहले नदी का यह रूख है तो मानसून उतरने पर भगवान ही मालिक है। जलस्त्राव पांच लाख से ऊपर न चला जाए। सीओ सफी अख्तर के निर्देश पर सीआइ अर्जुन पासवान, हल्का कर्मचारी नीरज कुमार, जवाहर मुखिया, ब्रह्मानन्द ¨सह गांवों में कैम्प करने लगे हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
पूर्वी कोसी तटबंध सुपौल डिवीजन के कार्यपालक अभियंता रामसुरेश ¨सह ने कहा जलस्त्राव सामान्य है। चन्द्रायण डिवीजन के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि नदी का रूख नरम है। विभाग तटबंध व जान-माल की सुरक्षा के लिए मुकम्मल तैयारी की गई है।