तीन बच्चों को बनाया बधुआ मजदूर
सहरसा। दलाल के चंगुल में फंसकर पांच महीने से अपने माता- पिता के दूर रहे नवहट्टा प्रखंड के
सहरसा। दलाल के चंगुल में फंसकर पांच महीने से अपने माता- पिता के दूर रहे नवहट्टा प्रखंड के मुरादपुर पंचायत अन्तर्गत चौतारा के तीन बंधुआ मजदूर सोमवार को बचपन बचाओ आंदोलन के सहयोग से छूटकर घर पहुंचे। मुक्त होकर आये फूलो चौधरी के 11 वर्षीय पुत्र चन्द्रकिशोर चौधरी, स्वर्गीय विन्देयश्वरी सादा के 13 वर्षीय पुत्र संतोष सादा और रामफल सादा के पुत्र 12 वर्षीय शत्रुघ्न कुमार ने बताया कि तेलवा निवासी पुलिन्द्र मुखिया ने पांच महीने पूर्व उनलोगों को एक-एक हजार रुपये दिया था, और चार हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी देने का वादा किया था। लालच में वे तीनों अपने अभिभावक से पूछे बिना उसके साथ चले गये। उनलोगों को पूर्णिया खुश्कीबाग से समीप एक मखाना उद्योग में रखा गया, जहां उनलोगों को महज दो बार खाना दिया जाता था, और लगभग 15 घंटे काम कराए जाते थे। घर जाने या माता- पिता के फोन पर बात कराने के नाम पर मारपीट की जाती थी ।
शत्रुघ्न सादा के पिता रामफल सादा ने बताया कि वह दूसरे प्रदेश में रहकर मजदूरी करता है। इसलिए दलाल को यह मौका मिल गया। वहां से लौटने पर जब उसे इस बात की जानकारी हुई तो बचपन बचाओ आंदोलन के घुरण महतो से मुलाकात की और उसके प्रयास से मखाना उद्योग तक पहुंचे। जहां से बच्चों को लाया गया। रामफल के अलावा, फूलो चौधरी व मसोमात उर्मिला देवी ने कहा कि वे लोग संयुक्त रुप से उक्त दलाल के विरुद्ध नवहट्टा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराएंगे।