सत्तर कटैया में 32 हजारों बच्चों को नहीं मिली किताब
सहरसा। शैक्षणिक सत्र 2017-18 में नव प्रोन्नत बच्चों का शैक्षणिक कार्य प्रारंभ हो चुका है।
सहरसा। शैक्षणिक सत्र 2017-18 में नव प्रोन्नत बच्चों का शैक्षणिक कार्य प्रारंभ हो चुका है। मगर ये बच्चे बिना पाठ्यपुस्तकों के ही शिक्षा ग्रहण करने पर मजबूर हैं। शिक्षा विभाग के जारी निर्देश के बावजूद बीते सत्र में अध्ययनरत बच्चों से पुस्तक की वापसी नहीं हो पाई है इस कारण इन बच्चों को अब तक पाठ्यपुस्तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। ऐसे में प्रखंड के कुल 96 विद्यालयों के 32 हजार पांच सौ बच्चे बिना किताब ही शिक्षा ग्रहण करेंगे।
क्या है विभागीय निर्देश
शिक्षा विभाग के राज्य परियोजना निदेशक संजय ¨सह द्वारा जारी पत्र के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2016-17 में अध्ययनरत वर्ग तीन से आठ तक के बच्चों को विभाग द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध कराए गए पुस्तक को बच्चों से वापसी करने का निर्देश दिया गया था। साथ ही उक्त पुस्तक अप्रैल 2017 में संबंधित कक्षा के नव प्रोन्नत बच्चों में वितरण करने का निर्देश दिया गया था।
पुस्तक की नहीं हो रही वापसी
विभागीय सख्त निर्देश के बावजूद बच्चों से पुस्तक की वापसी नहीं हो पा रही है। विभिन्न विद्यालयों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक दो से तीन प्रतिशत ही पुस्तक की वापसी होने की बात बताई जा रही है। बच्चों से वापस किये गए अधिकांश पुस्तक जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है जिसका उपयोग करना संभव नहीं लग रहा है। प्रखंड में संचालित 38 नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, 38 मध्य विद्यालय एवं 20 प्राथमिक विद्यालय के नामांकित 32 हजार पांच सौ बच्चे बिना पाठ्यपुस्तकों के शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वहीं पुस्तक के अभाव में शिक्षक को भी पढ़ाने में मुश्किल हो रही है।
- बच्चों से पुस्तक वापसी की प्रयास जारी है। इसके लिए सभी प्रधानाध्यापक को सख्त निर्देश दिया गया है। हालांकि बच्चों द्वारा सभी विषयों का पुस्तक वापस नहीं होने की भी बात बताई गई।
अशोक कुमार,
प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सत्तरकटैया।