अमन व शांति की दुआ के साथ ईद संपन्न
सहरसा। सोमवार को अमन व शांति की दुआ के साथ ईद संपन्न हो गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी ईद की धूम रही।
सहरसा। सोमवार को अमन व शांति की दुआ के साथ ईद संपन्न हो गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी ईद की धूम रही। ईद को लेकर सबेरे से ही बच्चों व युवाओं में उत्साह देखने को मिला। नये परिधान पहनकर ईदगाह के पास लगे ईद मेला में बच्चों ने जमकर खुशियां मनाई। शहरी क्षेत्र के ईदगाहों में सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। शहर के सहरसा बस्ती, गंगजला, नियामत टोला, रिफ्यूजी कोलोनी चौक, सराही, नरियार सहित अन्य ईदगाहों की साफ-सफाई अच्छी तरीके से की गई। गंगजला दारूल उलूम रहमानी ईदगाह में मेला जैसा ²श्य लगा रहा। लोगों की भीड़ सबेरे से ही आकर नमाज के लिए जुटनी शुरू हो गई। इमाम मुफ्ती नदीम ने लोगों को ईद की नमाज पढ़ाई। वहीं उन्होनें ईद के महत्व को बतलाते हुए कहा कि ईद आपसी सौहार्द व भाईचारा को कायम करता है। ईद से सामाजिक समरसता कायम होती है। रमजान को मुबारक का महीना बताया तथा कहा कि जरूरतमंदों व यतीमों की सेवा से ही जन्नत का सुख मिलता है। इसीलिए सबों को अपनी कमाई का कुछ हिस्सा गरीबों को दान करना चाहिए। करबला मस्जिद के इमाम मुफ्ती मंजूर आलम ने भी ईद को सामाजिक सौहार्द का प्रतीक बताया।
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लोगों ने दिया जकात
ईद पर्व के अवसर पर ईदगाहों में गरीबों व यतीमों सहित अनाथाश्रम या मदरसा के विकास के लिए सद का फितरा या जकात के रूप में आर्थिक मदद की गई। सबों ने अपनी अपनी और से जकात दिया। कहा जाता है कि ईद उल फितर के दिन गरीबों को दान दिया जाता है। जिसे जकात फितरा कहा जाता है। जकात फितरा लोगों की आय के मुताबिक होती है। ईद के अलावा रमजान के पूरे महीने में गरीबों को दान दिया जाता है। इस महीने में जितना दान दिया जाए, उतना ही शबाब मिलता है। ईद पैगम्बर हजरत मुहम्मद के युद्ध में विजय प्राप्त करने की खुशी में मनाई गई थी। तभी से ईद मनाने की परंपरा चली आ रही है।
बच्चों ने दी ईद की मुबारकबाद
ईद के मौके पर बच्चों सहित युवाओं ने ईद की मुबारकबाद एक दूसरे को दी। ईद को लेकर ईदगाहों सहित अन्य इलाकों में एक दूसरे को ईद की बधाई देने का सिलसिला शाम तक चलता रहा।