सहरसा की बेटी ने दिल्ली में लहराया परचम
सहरसा । हौसला के बदौलत किसी भी मुकाम को पाया जा सकता है। यह कर दिखाई जिले के बनगांव निवासी प्रेरणा न
सहरसा । हौसला के बदौलत किसी भी मुकाम को पाया जा सकता है। यह कर दिखाई जिले के बनगांव निवासी प्रेरणा ने। इन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 93वें दीक्षांत समारोह में संस्कृत के क्षेत्र में गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।
कहरा प्रखंड के बनगांव पुवारी टोला निवासी स्व. श्यामसुंदर झा प्रपोत्री प्रेरणा की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा बनगांव में ही हुई। सनोखरी बंगला प्राथमिक विद्यालय में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर प्रेरणा आज दूसरे छात्राओं के लिए प्रेरणा बन गयी है। अपनी मेहनत के दम पर प्रेरणा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में उपस्थिति दर्ज करायी। संस्कृत से एमए करने वाली प्रेरणा को दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 93वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में डा. सीडी देशमुख मेमोरियल गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। जबकि प्रेरणा को श्रीमती शिवकाम्मा राधाकृष्णण मेडल के साथ-साथ पंडित रघुवर दयाल मेमोरियल मेडल से भी सम्मानित किया गया। प्रेरणा को सम्मानित करने से जहां परिजन खुश हैं। वहीं लोगों ने इसे बनगांव ही नहीं पूरे जिले के लिए गौरव की बात बतायी है। ग्रामीणों ने कहा कि प्रेरणा शुरू से ही पढ़ने में काफी अच्छी थी। सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद उसने यह मुकाम बनायी। यही नहीं संस्कृत भाषा के विकास में भी प्रेरणा के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता है।
तोता भी संस्कृत का करता था उच्चारण
कोसी के इलाके में संस्कृत की एक अलग पहचान थी। कहा जाता है कि महिषी के प्रकांड विद्धान पंडित मंडन मिश्र व विदूषी भारती की धरती पर तोता भी संस्कृत में ही लोगों से बात करता था। यहीं नहीं इस गांव की घास काटने वाली महिलाएं भी संस्कृत का शुद्ध-शुद्ध उच्चारण करती थी। परंतु धीरे-धीरे संस्कृत के प्रति लोगों की रुचि घटने लगी। यही कारण है कि जिले के संस्कृत स्कूल व महाविद्यालय की हालत अच्छी नहीं है। ऐसे माहौल में यहां की बेटी को संस्कृत के क्षेत्र में गोल्ड मेडल मिलने पर लोगों को काफी खुशी है।