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डिवाइडर व रिफलेक्टर नहीं, हो रहीं दुर्घटनाएं

सहरसा । सड़कों के बगल में बसी आबादी। सड़कों की जमीन का अतिक्रमण जहां सड़क दुर्घटना को निमंत्रण दे रहा ह

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 01:00 AM (IST)
डिवाइडर व रिफलेक्टर नहीं, हो रहीं दुर्घटनाएं

सहरसा । सड़कों के बगल में बसी आबादी। सड़कों की जमीन का अतिक्रमण जहां सड़क दुर्घटना को निमंत्रण दे रहा है। वहीं कुछ जगहों पर सड़क बनीं भी तो मानक का पालन नहीं हुआ है। इलाके में एनएच, स्टेट हाइवे हो या शहर की दूसरी अन्य सड़कें इनमें अधिकांश पर न तो रिफ्लेक्टर है और न ही डिवाइडर। वाहनों की गति सीमा नियंत्रण को लेकर बोर्ड भी नजर नहीं आता है।

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कहने को तो एनएच व एसएच है। परंतु सड़कों की दुर्दशा देखने लायक है। मेंटेनेंस का जिम्मा भी जिन संवदेक को दिया गया है वो भी कागजों पर ही काम कर अपने कर्तव्य का इतिश्री कर रहे हैं। इन सड़कों की दुर्दशा को छोड़ दें तो जिन सड़कों का निर्माण भी होता है वहां मानक का पालन नहीं हो रहा है। सड़क निर्माण होने के बाद विभाग भी निश्चिंत हो जाती है। कई स्थानों पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रही है। दुर्घटना के बाद होने वाले सड़क जाम को समाप्त करने में प्रशासन को काफी मशक्कत उठानी पड़ती है। बावजूद इन जगहों की पहचान ब्लैक स्पॉट के रूप में नहीं की जाती है। जिस कारण आए दिन सड़क दुर्घटना हो रही है और लोग काल की गाल में समा रहे हैं। खासकर कोहरे के समय में कई बार वाहन घरों में घुस जाते हैं या दुकान को तोड़ देते हैं जिसमें कई लोगों की मौतें भी हो चुकी है।

फ्लैंक का बना रहता है अभाव

सड़क का निर्माण तो होता है परंतु सड़कों में कहीं भी फ्लैंक देखने को नहीं मिलता है। जहां फ्लैंक बना भी है वहां बस मिट्टी की भराई बेमन तरीके से कर दी जाती है। जिस कारण कोहरा व ओवरटेक के दौरान अगर वाहन फ्लैंक में फंस जाता है तो दुर्घटना तय माना जाता है।

यहां होती है अधिक दुर्घटना

सहरसा-मधेपुरा मुख्य मार्ग से निकलने वाली दोनों बाइपास सड़क के किनारे घनी आबादी बसी है। खासकर डुमरैल बाइपास में तीखी मोड़ रहने व घनी आबादी रहने के कारण अक्सर दर्घटना होती है।

- सहरसा से आरण होते हुए चौधारा की ओर जाने वाली सड़क ऐसी है कि फ्लैंक के नाम पर सिर्फ मिट्टी है। ¨सगल सड़क होने के कारण दो वाहनों के आवाजाही के समय फ्लैंक में गाड़ियां फंसकर दुर्घटना का शिकार हो जाती है।

- सहरसा-सिमरीबख्तियारपुर सड़क मार्ग में सु¨लदाबाद से आगे और टीवी टावर के समीप तीखी मोड़ रहने के कारण लोग दुर्घटना के शिकार होते हैं। इसी मार्ग में सर्वा ढ़ाला के समीप भी अक्सर दुर्घटनाएं होती है।

- सहरसा-मधेपुरा मार्ग में पटुआहा के समीप मोड़ पर अक्सर गाड़ियों में भिड़ंत हो जाती है जिसमें पिछले एक वर्ष में छह लोगों की मौत हो चुकी है।

- शहर हवाई अड्डा के बगल से कहरा कुटी तक जाने वाली बाइपास सड़क में दो वाहनों का परिचालन एक साथ नहीं हो पाता है। यही नहीं पूरी आबादी सड़क के किनारे बसी हुई है।


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