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नगदी संकट की समस्याओं से जूझ रहे लोग

सहरसा। माह के शुरुआत में अपने सैलरी के लिए आमलोगों की जारी जद्दोजहद कम होने का नाम नहीं ले रही है। श

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 12:49 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 12:49 AM (IST)
नगदी संकट की समस्याओं से जूझ रहे लोग

सहरसा। माह के शुरुआत में अपने सैलरी के लिए आमलोगों की जारी जद्दोजहद कम होने का नाम नहीं ले रही है। शहर के एसबीआइ के प्रधान शाखा में पहले भी ग्राहकों का दवाब रहता था। परंतु नोटबंदी के पश्चात इस बैंक पर दवाब कई गुणा बढ़ गया है। वहीं इस अनुरूप बैंक द्वारा कोई तैयारी अब तक नहीं की जा सकी है। लिहाजा विभिन्न कार्यालय के कर्मी बैंक से राशि निकालने के लिए कतार में बैंक खुलने के साथ ही खड़े हो जाते हैं। वहीं पेंशनर्स भी राशि निकासी के लिए कतारबद्ध रहते हैं। बैंक द्वारा बुजुर्ग एवं दिव्यांग वर्गों के लिए कोई अतिरिक्त काउंटर की व्यवस्था नहीं किये जाने से ऐसे लोगों को राशि निकासी में दिक्कतों का सामना करना पर रहा है। नरियार से अपने विकलांग पति के साथ आयी समदा खातून ने बताया कि बीते दो दिनों से वे अपने पति के पेंशन राशि निकासी के लिए बैंक खुलने के साथ ही आ रही हूं। परंतु निराशा ही हाथ लग रही है। हालांकि बैंक के उच्चाधिकारी या तो मीडिया कर्मियों से संपर्क नहीं करते और करते भी हैं तो महज ऑल इज वेल का रटा-रटाया जुमला सुना दिया करते हैं।

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इस बीच बैंक से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े 14 एटीएम में से आधे अधूरे ढ़ंग से राशि की निकासी जरूर हो रही है। परंतु बैंक के एनसीआर से जुड़े 36 एटीएम में से सभी के सभी खाली पड़े हैं। बैंक अधिकारी इसका ठीकरा एनसीआर के पदाधिकारी पर फोड़ते हैं। वहीं एसीआर के जिला समन्वयक राजेश कुमार इस हकीकत कहते हैं कि उन्हें दो दिनों से बैंक द्वारा राशि ही नहीं दी गयी थी। लिहाजा 36 एटीएम में से संचालित 33 एटीएम में वो चाहकर भी राशि नहीं डाल पाए हैं। उन्होंने बताया कि दो दिन पूर्व बैंक से 2 करोड़ की राशि उन्हें उपलब्ध करवायी गयी है। जिसे वे एटीएम में लोड करना प्रारंभ कर दिया है।

इधर एक्सिस बैंक के प्रबंधक अमित बाबुल ने बताया कि उनके बैंक के 6 एटीएम में से सभी के सभी संचालित हैं। तथा फिलहाल सौ और दो हजार के नोट से एटीएम को चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कैश समाप्त होने पर कुछेक एटीएम के शटर जरूर गिरते हैं पर शीघ्र ही उसमें कैश लोड कर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने एटीएम के अतिरिक्त शहर के टाटा इंडिकॉम के 8 एटीएम को भी उनके द्वारा नगदी सुलभ कराया जा रहा है। निजी क्षेत्र के ही एक ओर बैंक बंधन बैंक के प्रबंधक संतोष कुमार ने बताया कि उनके यहां से कोई कार्यालय के कर्मी का तो भुगतान नहीं होता परंतु बैंक आनेवाले उपभोक्ताओं का मानक के अनुरूप 24 हजार तक की राशि सुलभ करायी जा रही है। उन्होंने अपने बैंक में नगदी के संकट नहीं होने की बात बतायी।

पीएनबी शहर की प्रथम ऐसी शाखा बन गयी है जो अपने एटीएम से 2000 के अतिरिक्त 500 के नए नोट भी उपभोक्ताओं को सुलभ कराने लगी है। पीएनबी के मुख्य के मुख्य प्रबंधक राजीव रंजन ने बताया कि यह सही है कि उनके पास 500 के नए नोट कम तादाद में है। परंतु एटीएम में यह डाले जाने लगे हैं। खैर पीएनबी एटीएम से 500 के नए नोट ग्राहकों को देने के मामले में शीर्ष पर जरूर रहा परंतु यह दुर्भाग्य है कि इस बैंक के महज एक ही एटीएम शहर में है।

बीओआइ जहां दो हजार के नोटों की किल्लत विगत दो दिनों से बरकरार थी। वहां भी अब दो हजार के नोट पहुंच चुके हैं। बैंक प्रबंधक एनआइ अहमद ने बताया कि अब बैंक आनेवाले ग्राहकों को तय मानक के अनुसार राशि दी जाने लगी है। बहरहाल शहर के अधिकांश बैंकों की स्थिति में सुधार के बावजूद लोगों की परेशानी नहीं घट रही है।


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