मेला आपसी भाइचारे एवं सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है: जिला जज
सहरसा। मेला से आपसी भाइचारे एवं सामाजिक सौहार्द कायम होता है। श्री कृष्ण के बताये हुए मार्गों पर चल
सहरसा। मेला से आपसी भाइचारे एवं सामाजिक सौहार्द कायम होता है। श्री कृष्ण के बताये हुए मार्गों पर चलकर ही सामाज का कल्याण हो सकता है। मानव सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। उक्त बातें शनिवार को ने बनगांव बाबाजी कुटी में आयोजित तीन दिवसीय कृष्ण जन्माष्टमी मेला का उद्घाटन संत खयाली खां के बंगला पर संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश रूद्र प्रकाश मिश्र ने कही। उन्होंने कहा कि बनगांव साधु संत की नगरी है। यहां संत लक्षमीनाथ गोसाई जैसे महासंत की धरती है। उन्होंने युवाओं को नशा मुक्त समाज बनाने का आह्वान किया। बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाई द्वारा ही बनगांव में कृष्ण जन्माष्टमी मेला की शुरूआत की गई थी। उन्होंने लोगों से मेला में आपसी भाइचारे बनाए रखने का आग्रह किया एवं युवा वर्ग से सही राहों पर चलने का संकलप दिलाया। समारोह को अपर सत्र न्यायाधीश अरूण कुमार झा, नन्द किशोर गुप्ता, सब जज ब्रजेश पाणडेय ने भी किया। समारोह की अध्यक्षता प्रो. अभिमन्यु खां एवं संचालन विरेन्द्र कुमार झा अनिष ने किया। अतिथियों का स्वागत पाग व चादर भेंट कर किया गया। जन्माष्टमी को लेकर बनगांव नगरी भक्तिमय माहौल के रंगो में सराबोर रही। पंडित रघुवंश झा ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने अपना अवतार भद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्री अत्याचारी कंस का विनास करने हेतु अवतरित हुए थे। भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए अत: इसी दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। भगवान कान्हा की मोहक छवि एवं रासलीला देखने के लिए दूर-दूर से लोग बनगांव पहुंचे थे। समारोह में ग्रामीणों के अलावा विधायक डॉ. आलोक रंजन, पूर्व विधायक संजीव झा, गणेश झा, प्रो. अरूण खां, मुखिया धनंजय झा, शक्ति नाथ मिश्र, गणेश खां, अरविन्द मोहन खां, साजन खां, अधिवक्ता शशि शेखर मिश्र, भोला खां, टुन्ना मिश्र, मिहीर झा, मोहन कुमर पाठक, विलास चौधरी, आदि मौजूद रहे।