उधार की शक्ति पर राजनीति करते हैं नीतीश : लवली
सहरसा। नीतीश कुमार उधार की शक्ति पर राजनीति करते रहे हैं। कोर्ट के कंधे पर बंदूक रख कर अपने राजनीतिक
सहरसा। नीतीश कुमार उधार की शक्ति पर राजनीति करते रहे हैं। कोर्ट के कंधे पर बंदूक रख कर अपने राजनीतिक विरोधियों का सफाया करते रहे हैं। यह बात जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह के बयान से स्पष्ट हो चुका है।
एक बयान जारी कर पूर्व सांसद लवली आनंद ने उक्त बातें कही है। उन्होंने कहा है कि जी. कृष्णैया मामले में आनंद मोहन जी के खिलाफ सत्ता की साजिश पर अब तक मुख्यमंत्री कहते रहे कि कानून अपना काम कर रहा है। इसके पीछे सरकार का हस्तक्षेप नहीं है लेकिन जदयू प्रवक्ता की बातों से अब सच सामने आ गया है। कहा है कि नीतीश जी मुगालते में हैं कि वो लोगों के भाग्यनियंता हैं। असलियत तो यह है कि अगले चुनाव में राज्य की जनता खुद उनका नसीब तय कर चुकी है। सासाराम से लोकसभा के जदयू के उम्मीदवार केपी रमैया अगर याददाश्त पर जोर देंगे तो पाएंगे कि सेवानिवृत्ति के बाद आज वो जिस दल के नेता बने हैं उसकी बुनियाद नीतीश कुमार ने आनंद मोहन के साथ नींव रखी थी। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यदि आनंद मोहन दोषी हैं तो उनके आका नीतीश कुमार सजा बाद किस मुंह से समझौते की शर्ते लेकर उनकी मां से मिलने उनके पैतृक गांव पंचगछिया गये थे। कोई बाहुबली हो या नहीं लेकिन नीतीश कुमार जी ऐसे महाबली हैं जिनके सत्ता संरक्षण में झारखंड और बिहार के दर्जनों माफिया और बाहुबली पुष्पित-पल्लवित हो रहे हैं। उन्होंने अपने बयान में मंत्री श्याम रजक पर भी टिप्पणी की है। कहा है कि पूर्वाग्रह से ग्रसित श्री रजक को पता होना चाहिए कि जिन सात लोगों को इस मामले में सजा मिली थी आनंद मोहन व उनको छोड़कर शेष सभी पांच जेल से छूटकर नीतीश कुमार के साथ रहे।