भगवान भरोसे रह गयी 86 हजार गरीबों की जान
सहरसा। डेढ़ वर्ष से स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ से वंचित जिले के 86 हजार गरीब एकबार फिर प्रशासनिक उद
सहरसा। डेढ़ वर्ष से स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ से वंचित जिले के 86 हजार गरीब एकबार फिर प्रशासनिक उदासीनता के शिकार हुए। इंश्योरेंस कंपनी की लापरवाही के कारण 31 जुलाई की निर्धारित अवधि तक दो लाख 52 हजार की जगह मात्र एक लाख 66 हजार बीपीएल परिवारों का ही कार्ड बन पाया। फलस्वरुप तीस हजार रुपये तक का मुफ्त बेहतर इलाज की सुविधा मिलने के बजाय इन गरीबों की जान फिर नीम- हकीमों के भरोसे रह गयी है। जिले के 12 अस्पताल को मास्टर हॉस्पीटल कार्ड (एमएचसी) उपलब्ध करा दिया गया है। परंतु कार्ड से वंचित रह गये गरीबों का इलाज कैसे होगा इसका कोई ठोस जबाव देने की स्थिति में नहीं है।
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मई से ही शुरु करना था मरीजों का इलाज
जिले में स्मार्ट कार्ड की अवधि दिसम्बर 2011 में ही समाप्त हो गई। जिला प्रशासन ने 12 महीने तक इसे समयावधि विस्तार पर खींचा। दिसम्बर 2013 से ही गरीब लोगों की यह सुविधा भी छीन गई। न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ने छह महीने पहले कार्ड बनाने का कार्य प्रारंभ किया। मई 2015 तक इस कार्य को पूरा करने का निर्णय लिया गया था। कार्ड नहीं बन पाने के कारण सरकार ने 31 जुलाई तक इसके समयावधि में विस्तार किया। परंतु अबतक मात्र 166493 कार्ड ही बन पाया है। हालांकि यह आंकड़ा निर्माण एजेंसी का है, धरातल पर यह दावा भी खोखला साबित होगा। अगर इसे सही भी मान लिया जाए तो शेष बचे 86 हजार गरीबों की जान नीम- हकीमों के भरोसे रह गई।
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किन- किन अस्पतालों का हुआ निबंधन
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स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सदर अस्पताल सहरसा, अनुमंडल अस्पताल सिमरीबख्तियारपुर, गायत्री नर्सिग होम मीरा सिनेमा रोड, श्री कृष्ण चिकित्सालय, महावीर हॉस्पीटल बनगांव रोड रिफ्यूजी कॉलनी, दृष्टि आई केयर सेंटर विद्यापति नगर, उग्रतारा नेत्र चिकित्सालय रिफ्यूजी कॉलनी, कान-नाक गला अस्पताल पूरब बाजार, आमना मेमोरियल हॉस्पीटल बनगांव रोड, डा. आर पी यादव मेमोरियल हॉस्पीटल नया बाजार, पीके हॉस्पीटल नया बाजार और शिवम नरसिंह होम रमेश झा रोड सहरसा का निबंधन किया गया। इन अस्पतालों का एमएचसी कार्ड भी बनकर आ चुका है।
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'स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्मार्ट कार्ड बनाने की तिथि समयावधि विस्तार के बाद 31 जुलाई अंतिम रुप से निर्धारित थी। इंश्योरेंस कंपनी की लापरवाही के कारण नि:संदेह ही भी बड़ी संख्या में लोग स्मार्ट कार्ड से वंचित रह गये हैं। इस संबंध में सरकार स्तर से ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।'
रामसूचित शर्मा
नोडल आफिसर, स्वास्थ्य बीमा योजना, सह निदेशक डीआरडीए, सहरसा।