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सरकार पर मेरा पलड़ा है भारी

नवहट्टा (सहरसा), संसू: नवहट्टा के बीडीओ गौतम कृष्ण के तबादले के विरोध में तीन दिनों से चला आ रहा आंद

By Edited By: Published: Mon, 26 Jan 2015 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jan 2015 05:46 AM (IST)
सरकार पर मेरा पलड़ा है भारी

नवहट्टा (सहरसा), संसू: नवहट्टा के बीडीओ गौतम कृष्ण के तबादले के विरोध में तीन दिनों से चला आ रहा आंदोलन रविवार को सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव एवं विधायक अब्दुल गफुर के आश्वासन के बाद खत्म हो गया।

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धरना को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि पूरी सरकार पर अकेले पप्पू यादव का पलड़ा भारी है। उन्होंने आंदोलनकारियों से 15 दिनों का वक्त मांगा तथा बीडीओ को वापस लाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने बीडीओ के इमानदारी को प्रशंसा की और कहा कि ईमानदार होने का मतलब अहंकारी हो जाना नहीं है। सांसद ने स्पष्ट किया कि धरना देने की सलाह उन्होंने ही जिला सांसद प्रतिनिधि नूर आलम, अशफाक आलम आदि कार्यकत्र्ताओं को दी थी। परंतु किसी को मोहरा बना राजनीति करने से मना किया था। बम्बई के अधिकारी खैरनार की चर्चा करते हुए कहा कि नौकरी छोड़ने के बाद उसको सलाम करने वाला एक आदमी नहीं मिला। सिस्टम को गंदा व कमीना बताते हुए कहा कि अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद भ्रष्टाचार बढ़ गया। सांसद ने खुलासा किया कि उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र से आरजू मिन्नतें की है। बीडीओ व मंत्री के बीच वार्ता के दौरान फोन टेपिंग करने को गलत बताया। सांसद ने कहा जब-जब अमित साह बिहार आते हैं दंगा होता है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर लालू, नीतीश, रामकृपाल सभी नेता गए। लेकिन निषाद की बच्ची को गोद लेने का काम किसी ने नहीं उन्होंने ने ही किया। सांसद ने जनप्रतिनिधियों से घूस या कमीशन नहीं लेने की कसम खिलायी। विधायक अब्दुल गफुर ने कहा कि प्रयास जारी है बीडीओ को वापस लाया जाएगा। इस मौके पर देवनारायण यादव उर्फ नुनू, राजद जिला अध्यक्ष मो. ताहिर, रंजीत यादव, तेजनारायण यादव, मकसूद आलम, अंसारूल खां, कमल नारायण गुप्ता नारायण सिंह, इन्देश्वर यादव, मनोज पासवान, शोभाकांत झा, नरेश गुप्ता आदि थे। आंदोलन समाप्त होते ही अनशनकारी का अनशन भी टूटा।

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15 दिन में नहीं लौटा तो देंगे इस्तीफा: बीडीओ

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प्रखंड विकास पदाधिकारी गौतम कृष्ण ने अपने समर्थकों से कहा कि पटना जा रहे हैं। 15 दिनों के अंदर नवहट्टा नहीं लौटा तो अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा और फिर आम नागरिक के रूप में नवहट्टा आउंगा।


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