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दूसरे को देखकर हम भी लिखने लगे डॉक्टर

सहरसा, जागरण संवाददाता : एक ओर फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चल रहा है। वहीं दूसरी और फर्जी तरीके स

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 06:51 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 06:51 PM (IST)
दूसरे को देखकर हम भी लिखने लगे डॉक्टर

सहरसा, जागरण संवाददाता : एक ओर फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चल रहा है। वहीं दूसरी और फर्जी तरीके से बोर्ड पर डॉक्टर लिखने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। बुधवार की शाम ऐसे ही एक मामले का खुलासा हुआ। जब क्लीनिक चलाने वाले डा. पी सिंह से पूछा गया तो उनका कहना था कि दूसरे को देखकर हम भी डॉक्टर लिखने लगे हैं।

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मरीज की मौत पर हुआ खुलासा

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रहमान चौक स्थित डा. पी सिंह के क्लीनिक में बेंगहा निवासी भागेश्वर साह नामक मरीज की मौत हो गयी। मरीज को एक चिकित्सक ने फिजियोथैरेपी के लिए रेफर किया था। मृतक के पुत्र पांडव कुमार ने बताया कि मंगलवार की शाम यहां भर्ती हुए थे। गर्दन में दर्द की शिकायत पर सेंक लगाने की सलाह एक चिकित्सक ने देते हुए यहां भेजा था। 17 सौ रुपया जमा करने के बाद सेंक लगाया गया परंतु उसकी मौत हो गयी। मौत के बाद परिजनों को रोते-बिलखते देख एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सुदीप कुमार सुमन, भाजपा नेता राजकिशोर झा, भाजपा व्यवसाय मंच के जिलाध्यक्ष राजीव रंजन साह, धर्मेन्द्र सिंह आदि जमा हो गये और चिकित्सक डा. पी सिंह से मरीज के संबंध में जानकारी लेने की कोशिश की। इसी दौरान पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी गयी। हालांकि मरीज के परिजन केस मुकदमा नहीं करने की बात कह शव लेकर देर शाम चले गये। वहीं उपस्थित नेताओं ने चिकित्सक द्वारा बोर्ड पर डॉक्टर लिखे रहने पर सवाल किया गया।

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वर्ष 2006 से चल रहा है क्लीनिक

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मीडियाकर्मियों के पहुंचने के बाद जब चिकित्सक से पूछा गया तो उनका कहना था कि दूसरे को देखकर बोर्ड पर डॉक्टर लिखने लगे। उन्होंने कहा कि 2006 से क्लीनिक चला रहे हैं। हम इलाज नहीं करते हैं। सिर्फ योग, सेंक आदि कराते हैं। उन्होंने यह माना कि किसी प्रकार का निबंधन नहीं है। कोलकाता स्थित विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी की है। इसी दौरान सदर थाना के अनि पंचलाल भी पहुंच गये। हालांकि परिजन द्वारा लिखित शिकायत नहीं करने पर पुलिस वहां से वापस लौट गयी। वैसे, गुरुवार को उनके बोर्ड पर से डॉक्टर को मिटा दिया गया था।

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'डॉक्टर लिखना गलत है। इस मामले शैक्षणिक प्रमाण पत्र के साथ उपस्थित होने का नोटिस भेजा जा रहा है। गलत होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।'

डा. भोलानाथ झा

सिविल सर्जन, सहरसा


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