Move to Jagran APP

प्यार में पड़कर बर्बाद हो रही जिंदगी

सहरसा, जा.सं.: निशा (काल्पनिक नाम) ने अररिया जिला के एक युवक से प्यार किया। दोनों प्यार में जीने-मरन

By Edited By: Published: Sat, 18 Oct 2014 10:01 PM (IST)Updated: Sat, 18 Oct 2014 10:01 PM (IST)
प्यार में पड़कर बर्बाद हो रही जिंदगी

सहरसा, जा.सं.: निशा (काल्पनिक नाम) ने अररिया जिला के एक युवक से प्यार किया। दोनों प्यार में जीने-मरने की कसमें खाकर घर से भाग गए। नौ सितंबर को सदर थाना में परिजनों ने लड़की के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई। एक सप्ताह बाद लड़की की बरामदगी हुई। न्यायालय में लड़की ने अपने बयान में अपहरण की पुष्टि कर दी। फिर क्या था युवक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने छापामारी शुरु कर दी। यही नहीं मामले में आरोपी उसके परिजन व दोस्त भी बख्शे नहीं गए और उन्हें जेल जाना पड़ा।

loksabha election banner

यह कहानी सिर्फ निशा की नहीं है बल्कि पिछले आठ माह विवाह हेतु लड़की अपहरण के 37 मामले दर्ज हुये। इनमें से दो को छोड़ सभी लड़की की बरामदगी पुलिस ने कर ली है। लेकिन अधिकांश मामलों में बरामदगी के बाद लड़की अपने बयान में अपहरण की पुष्टि कर देती है। और इसका खामियाजा लड़का व उसके परिजनों को भुगतना पड़ता है।

----

18 युवकों को जाना पड़ा जेल

प्यार के चक्कर में पड़ने वाले 18 युवकों को इस वर्ष जेल की हवा खानी पड़ी। जेल जाने के बाद जहां उसे अपनी गलती का एहसास होता है। वहीं भविष्य भी अंधकारमय बन हो जाता है। सरकारी या निजी नौकरी करने में भी चरित्र प्रमाण पत्र बनाने में प्राथमिकी दर्ज रहने से काफी परेशानी होती है। ऐसे ही एक मामले में जेल से जमानत पर रिहा हुये एक युवक ने बताया कि इस तरह की घटना से जिंदगी नर्क बन जाती है।

---

लड़की की भी होती है फजीहत

प्यार के चक्कर में पड़कर भागने वाली लड़की की भी फजीहत हो जाती है। बरामदगी के बाद न्यायालय में बयान, चिकित्सीय परीक्षण सहित अन्य प्रक्रिया से उसे गुजरना पड़ता है। कानून की लंबी प्रक्रिया के कारण परिवार के लोगों को भी काफी दिक्कतें होती है।

---

'लड़की के बालिग नहीं रहने की स्थिति में अगर लड़की बयान भी लड़का के पक्ष में देती है तो कानूनन लड़का को दोषी माना जाता है। बालिग रहने की स्थिति में बयान के बाद अगली कार्रवाई की जाती है।'

प्रेमसागर

एसडीपीओ, सदर

---

'कम उम्र के युवा ही इस तरह के कदम उठाते हैं। जो समाज के लिए ठीक नहीं है। इस तरह के गलत संगत में बच्चे नहीं पड़े इस दिशा में अभिभावकों को अपने बच्चों के प्रति विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।'

डा. विनय कुमार चौधरी

समाजशास्त्री, सहरसा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.