यहां मुर्दे पर भी दर्ज होती है प्राथमिकी
संवाद सूत्र, सहरसा : सुनकर भले ही आश्चर्य हो। परंतु, सहरसा में मुर्दे पर भी प्राथमिकी दर्ज होती है।
संवाद सूत्र, सहरसा : सुनकर भले ही आश्चर्य हो। परंतु, सहरसा में मुर्दे पर भी प्राथमिकी दर्ज होती है। इसका खुलासा पुलिस के अनुसंधान में हुआ है।
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कब हुई थी प्राथमिकी
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विद्युत विभाग के कनीय अभियंता सतपाल सिंह ने 19 दिसंबर 2013 को सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। जिसमें कहा गया था कि शहर के संतनगर वार्ड नंबर 35 स्थित गजाधर मिश्र का पांच कमरे का लॉज है। जो भाड़े पर लगा हुआ है। गजाधर मिश्र के नाम से बिजली का कनेक्शन भी है। इसके अतिरिक्त टोका फंसाकर बिजली की चोरी की जा रही थी। जिससे विद्युत कंपनी का 65 हजार 883 रुपए की क्षति हुई। इस प्राथमिकी का समर्थन विद्युत विभाग के सहायक अभियंता विवेकानंद द्वारा भी किया गया। उन्होंने पुलिस को दिये बयान में कहा कि 19 दिसंबर 13 को छापामारी दल में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी के साथ छापामारी की गयी थी। जिसमें बिजली चोरी का मामला सामने आया था।
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अनुसंधान में हुआ खुलासा
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इस कांड के अनुसंधान कर्ता अनमोल कुमार द्वारा जब अनुसंधान किया गया तो प्राथमिकी के नामजद अभियुक्त की मौत वर्ष 2011 में हो जाने का खुलासा हुआ। संतनगर के बाबूलाल राम, बालेश्वर राम आदि ने पुलिस को बताया कि आरोपी गजाधर मिश्र की मौत तीन वर्ष पूर्व ही हो चुकी है। बिजली विभाग ने मृत व्यक्ति पर केस दर्ज किया है। मृतक के पुत्र अखिलेश मिश्र दिल्ली में रहते हैं और कभी-कभार ही यहां आते हैं।
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पर्यवेक्षण में माना जा रहा है तथ्य की भूल
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पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष सूर्यकांत चौबे ने जब इस कांड का पर्यवेक्षण किया तो विद्युत अधिनियम के तहत दर्ज इस कांड को तथ्य की भूल माना है। उन्होंने साक्षियों के बयान के आधार पर माना कि बिजली विभाग ने मृत व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दायर किया है। इस आलोक में इसे तथ्य की भूल मानकर प्रतिवेदन समर्पित करने की अनुशंसा करने की बात कही।