एक प्रमाण पत्र पर दो अलग-अलग व्यक्ति कर रहे हैं नौकरी
केस एक
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गोलमा पश्चिम पंचायत के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मोती पोखर में बहाल शिक्षक आलोक कुमार पिता-गणेश कुमार का स्थायी पता गांव आशिक टोला खुरहान, थाना-आलमनगर जिला मधेपुरा दर्ज है। जबकि इसी प्रमाण पत्र पर मध्य विद्यालय गोढैला, मधेपुरा में कार्यरत शिक्षक आलोक कुमार पिता गणेश कुमार का स्थायी पता गांव नेहालपट्टी, थाना-भर्राही, जिला-मधेपुरा दर्ज है। असली अभ्यर्थी नेहालपट्टी निवासी आलोक द्वारा गोलमा में भी आवेदन जमा किया गया था जिसका सूची में क्रमांक नौ पर नाम दर्ज है।
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केस दो
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एनपीएस बथनाहा में बहाल शिक्षक ब्लू भाई व देवी साह मध्य विद्यालय जीवछपुर, मधेपुरा में कार्यरत शिक्षक ब्लू भाई का शैक्षणिक प्रमाण पत्र एक ही है। दोनों के पिता का नाम अरुण शर्मा दर्ज है। हालांकि बथनाहा में बहाल शिक्षक का पता गांव कुर्बन, थाना-बैलदौर, जिला खगड़िया और जीवछपुर, मधेपुरा में कार्यरत शिक्षक का पता गांव पामा, थाना सौरबाजार, जिला सहरसा है।
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केस तीन
एनपीएस पिपरा घाट में बहाल शिक्षक अमित कुमार एवं मध्य विद्यालय वीरगांव, महिषी में कार्यरत शिक्षक अमित कुमार का एक ही शैक्षणिक प्रमाण पत्र रहने की बात सामने आयी है। दोनों के पिता का नाम रामदेव पासवान अंकित है। हालांकि पिपरा घाट में बहाल शिक्षक का स्थायी पता ग्राम छोटी पसराहा जिला खगड़िया व वीरगांव में कार्यरत शिक्षक का पता गंगजला वार्ड नंबर 12, सहरसा है।
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- एक बार पंचायत सचिव रद कर चुके नियोजन, दोबारा हुई बहाली
पतरघट (सहरसा), संवाद सूत्र : एक ही शैक्षणिक प्रमाण पत्र पर दो अलग-अलग विद्यालय में तीन शिक्षक द्वारा नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया है। हैरत की बात यह है कि अवैध रुप से बहाल तीनों शिक्षक के नियोजन को पंचायत सचिव ने एक बार निरस्त कर दिया था। किंतु, वहीं तीनों शिक्षक नियोजन शिविर के माध्यम से फिर से बहाल होने में कामयाब रहे। हालांकि फिलहाल तीनों शिक्षक बगैर सूचना के विद्यालय से अनुपस्थित हैं।
जानकारी के अनुसार प्रखंड के गोलमा पश्चिम पंचायत में तीन शिक्षक की बहाली वर्ष 2013-14 में पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई द्वारा की गयी थी। इन शिक्षकों ने जिस शैक्षणिक प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया है उसके असली अभ्यर्थी भी इसी शैक्षणिक प्रमाण पत्र पर शिक्षक की ही नौकरी कर रहे हैं।
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पंचायत सचिव ने बहाली को किया था रद
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पंचायत नियोजन ईकाई द्वारा ज्ञापाक-05, दिनाक 05 सितम्बर 2013 को एनपीएस मोती पोखर में बहाल आलोक कुमार, एनपीएस बथनाहा में बहाल ब्लू भाई एवं एनपीएस पिपरा घाट में बहाल अमित कुमार के नियोजन को दिसम्बर 2013 में अवैध बताते हुए पंचायत सचिव सुरेश राम ने निरस्त कर दिया था और इसकी सूचना शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारी को भी दी थी। हालांकि तीनों शिक्षक योगदान करने के बाद कई माह तक विद्यालय में कार्य करते रहे। जिसका सत्यापन बीईओ रामभगत यादव ने शिक्षकों की उपस्थिति पंजी पर किया था।
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निरस्त होने के बाद दुबारा हुआ नियोजन
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पंचायत सचिव ने जिन तीन शिक्षक के नियोजन को अवैध मानते हुये नियोजन को निरस्त कर दिया था उसी तीनों का नियोजन उसी पंचायत में आयोजित नियोजन शिविर में कर लिया गया। ज्ञापाक 04, दिनाक 07 फरवरी 2014 से नियोजन कर पूर्व के विद्यालय में ही योगदान करने का निर्देश दिया गया।
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'तीनों नियोजित शिक्षक का शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी होने की चर्चा है। वैसे, ये तीनों शिक्षक कुछ माह से बगैर सूचना के अनुपस्थित हैं। मामले की जांच कराकर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।'
रामभगत यादव
बीईओ, पतरघट
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'पंचायत सचिव से जानकारी ली जायेगी। सच्चाई सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।'
कृष्णदेव पंडित
नियोजन इकाई अध्यक्ष सह मुखिया, गोलमा पश्चिम, पतरघट