दूसरों के लिए जीने से मिलता है भगवान : नारायण महाराज
सोनवर्षा(सहरसा), संवाद सहयोगी: हिन्दू सनातन धर्म दुनिया में सबसे श्रेष्ठ है। अनेकता में एकता के साथ ही जीवन जीने की कला को सिखाता है। उक्त बातें वृंदावन से आए सर्व धर्म समन्वय सनातन भागवत परिवार के सरल संत नारायण दास जी महाराज ने सोहा गांव में आयोजित भागवत कथा के समापन के दौरान गुरुवार को कही।
उन्होंने भागवत कथा के श्री कृष्ण एवं सुदामा के मित्रता के प्रसंग की चर्चा करते हुये कहा कि जब सुदामा द्वारका में थे एवं भगवान श्री कृष्ण ने बाबा विश्वकर्मा को सुदामा के घर सोने का महल बनाने को भेजा तब सुदामा की धर्मपत्नी सुशीला ने बाबा विश्वकर्मा से कहा कि पहले हमारे गांव के सभी लोगों के घर को सोने का महल बना दीजीए, उसके उपरांत ही हमारे घर को बनावें। यह त्याग देखकर बाबा विश्वकर्मा भाव विभोर हो गये। उन्होंने कहा कि हिन्दू सनातन धर्म में औरत हो या पुरूष सभी लोग पहले दूसरों के लिये जीते है, तब अपने लिये। और जो दूसरों के लिए जीते हैं समझो उन्हें भगवान मिल गया। महाराज जी ने पूरे भारत के तमाम धर्मो की चर्चा करते हुये उनके मार्मिक पहलुओं की जानकारी दी। समापन के अवसर पर महिलाओं ने दीप प्रज्जवलित कर आरती की। कार्यक्रम के दौरान समाज सेवी गणेश प्रसाद सिंह एवं रमेश प्रसाद सिंह ने श्रद्धालुओं का स्वागत किया।