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उर्दू के बिना सारी भाषाएं अधूरी : डीडीसी

रोहतास। उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुक्रवार को स्थानीय डीआरडीए सभागार में जि

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 05:13 PM (IST)
उर्दू के बिना सारी भाषाएं अधूरी : डीडीसी

रोहतास। उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुक्रवार को स्थानीय डीआरडीए सभागार में जिला प्रशासन ने कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें लोगों ने उर्दू के महत्व व उपयोग पर चर्चा की। उदघाटन डीडीसी हाशिम खां ने किया।

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उन्होंने कहा कि उर्दू के बिना अन्य भाषाएं अधूरी रहती हैं। इसमें सभी भाषाओं का मिश्रण भाव देखा जाता है। लिहाजा ¨हदी व उर्दू को सगी बहन के तौर पर माना जाता है। दफ्तरों में उर्दू में लिखे गए आवेदनों को स्वीकार किया जाना चाहिए। ताकि उपेक्षित इस भाषा का प्रचार प्रसार हो सके। यही वजह है कि बिहार सरकार ने उर्दू को द्वितीय राजभाषा के रूप में मान्यता दी है। वहीं शाम में स्थानीय परिसदन में संगोष्ठी व मुशायरा का भी आयोजन किया गया। जिसमें कवियों व उर्दू शायरों ने इसके महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में ओएसडी ज्ञानेंद्र कुमार, डीपीआरओ धर्मवीर ¨सह, वरीय उप समाहर्ता अशोक कुमार भारती, डॉ. एके आल्वी, डॉ. अब्दुस्सलाम हमदम, सदर एसडीएम अमरेंद्र कुमार, बिक्रमगंज एसडीएम पंकज पटेल समेत अन्य अधिकारी शामिल थे।


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