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तालाबों के उद्धार को बढ़ चला कारवां, जुड़ रहे लोग

रोहतास। विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके जिले के तालाबों को पुनर्जीवन देने के लिए अब कारवां

By Edited By: Published: Sun, 29 May 2016 11:41 PM (IST)Updated: Sun, 29 May 2016 11:41 PM (IST)
तालाबों के उद्धार को बढ़ चला कारवां, जुड़ रहे लोग

रोहतास। विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके जिले के तालाबों को पुनर्जीवन देने के लिए अब कारवां बढ़ता जा रहा है। दैनिक जागरण के अभियान तलाश तालाबों की से प्रेरित होकर शहर से गांव तक के लोग आगे आने लगे हैं। आमजन, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि व स्वयंसेवी संस्थाएं बुलंद हौसले के साथ परिचर्चा, गोष्ठी, संकल्प सभा आदि में भाग ले रहे हैं। जागरण की पहल की सभी प्रशंसा कर रहे हैं। इस अभियान में छात्र, युवा व वृद्ध भी शामिल हो चुके हैं। आत्मविश्वास से लबरेज बुजुर्गों के हाथों में फावड़ा व कुदाल देखकर ऐसा लगने लगा है कि पुराने जमाने की तरह जिले के तालाबों की रमणीयता फिर से लौट आएगी। जिले के दिनारा, परसथुआ, कोचस, सूर्यपुरा, डेहरी, सासाराम आदि स्थानों पर अवस्थित तालाबों की खुदाई व सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू हो चुका है। युवा संगठनों ने शनिवार को शहर के फजलगंज मुहल्ला स्थित दुर्गाकुंड तालाब की सफाई की। रैप से जुड़े सदस्यों ने तालाब में फैली गंदगी, शैवाल व कचरों को निकालना शुरू कर दिया है। अगले चरण में घाटों व सिढियों की साफ-सफाई की योजना है। इससे पूर्व शहर के बुद्धिजीवियों ने एक बैठक कर क्षेत्र के तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कराने हेतु प्रशासन पर दबाव बनाने व उनके सौंदर्यीकरण के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

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उपेक्षित तालाबों की भी जगी आस :

जिले में ऐसे कई तालाब हैं, जिनमें निरंतर गाद भरने से न सिर्फ वे उथले हो गए हैं, बल्कि उनका पानी भी सड़ गया है। इनकी ऊपरी सतह पर जलकुंभियों का विस्तार है, जबकि नीचे सड़े-गले पत्ते, पालीथीन, कूड़ा व गंदगी की मोटी परत जम गई है। इनके चलते ऐसे तालाब इस्तेमाल से बाहर हो गए हैं। अब ऐसे तालाबों के जीर्णद्धार के लिए लोग आगे आने लगे। इन तालाबों की उपयोगिता समझ में आई। बिना किसी सरकारी मदद की कई तालाबों की सफाई का बीड़ा ग्रामीणों ने उठा लिया है। शिवसागर व दिनारा भलुनीधाम स्थित मानस गंगा तालाब की सफाई को अब अंतिम रुप देने में ग्रामीण लगे हुए हैं। हालांकि उद्धार के लिए प्रशासनिक मदद के अलावा पूर्ण जनसहभागिता की भी जरूरत है। इन तालाबों को चिह्नित करने के बाद इन्हें नवजीवन देने का कार्य भी शुरू कराने का वादा जनप्रतिनिधि से ले अधिकारी तक कर रहे हैं। जिससे इन तालाबों की खोई पहचान वापस लौटाई जा सकेगी।

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तालाबों को बचाने को बढ़े हाथ, मिल रहा साथ

पार्थसारथि पांडेय, बिक्रमगंज : रोहतास। दैनिक जागरण का अभियान तलाश तालाबों की को प्रखंड क्षेत्र में व्यापक समर्थन मिल रहा है। आमजन से लेकर अधिकारी व विद्यालयों के छात्र भी इस अभियान से जुड़ने लगे हैं। द डीपीएस पब्लिक स्कूल धावाच् के बच्चों ने तालाबों को बचाने का संकल्प लेते हुए कहा कि क्षेत्र के तालाबों को बचाने के लक्ष्य के साथ हम आगे बढ़ेगे। वहीं प्रखंड के बुद्धिजीवियों ने परिचर्चा कर तालाबों को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठा लिया है। इस क्रम में प्रखंड क्षेत्र के प्राचीन सलेमपुर पोखरा के उद्धार को ले लोगों ने श्रमदान किया।

कभी अपनी रमणीयता को ले जाना जाता था पोखरा :

प्रखंड क्षेत्र का प्राचीन सलेमपुर पोखरा अपनी रमणीयता के लिए जाना जाता है। हालांकि प्रखंड के अधिकांश गांवों में कभी छोटे-बड़े तालाब व पोखरा हुआ करते थे। लेकिन उनमें से अधिकांश अब अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कभी इस पोखरा के पानी से आस-पास के लोग गला तर करते थे। बिक्रमगंज-डेहरी मुख्य मार्ग पर स्थित इस पोखरा का एक छोर मुख्य सड़क से जुड़ा हुआ है। प्राचीन समय में यह राहगीरों के भी प्यास बुझाने का काम करता था। अन्य जीव-जंतुओं के लिए भी यह जीवनदायी साबित होता था। लेकिन अतिक्रमण व साफ-सफाई के कारण इस पोखरे के वजूद पर ही बन आया ।यह विडंबना ही है कि एक ओर जलसंरक्षण के लिए पूरा विश्व ¨चतित है। इसके लिए विभिन्न उपाय तलाशे जा रहे हैं। तो दूसरी ओर आम आदमी से लेकर प्रशासन द्वारा भी इसे पाटकर इसके एक बड़े भू-भाग में प्रखंड कार्यालय व आवास निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अभियान के बाद प्रशासन के भी कदम अतिक्रमित स्थलों पर निर्माण कार्य कराने में ठिठक गए हैं।

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परिचर्चा में छलका लोगों का दर्द

बिक्रमगंज : जागरण के सामाजिक सरोकार से जुड़े अभियान तलाश तालाबों की के साथ लोग अब सीधे तौर पर जुड़ने लगे हैं। क्षेत्र के समाजसेवी व आम लोगों ने बैठक कर तालाबों को बचाने की जागरण की मुहिम की सराहना की। अध्यक्षता अखिलेश कुमार व संचालन आरएन पांडेय ने किया। इस अवसर पर आयोजित परिचर्चा में जुटे लोगों ने तालाबों की विलुप्ति पर अफसोस प्रकट करते हुए कहा कि लोग स्वार्थ में अंधे होकर स्वयं की पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। जीवनदायी तालाबों के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ करना सभी जीवों को भुगतना पड़ेगा। जिसके लक्षण अभी से दिखने लगे हैं। हम किसी भी कीमत पर क्षेत्र के तालाबों को मिटने नहीं देंगे। मौके पर धनंजय ¨सह, नमिता मिश्रा, श्यामली कुमारी, प्रियंका श्रीवास्तव, संतोष कुमार, बीएन दूबे, निर्मल ¨सह, अभिषेक ¨सह, सोनू ¨सह, संगिता सतिन्हा, ललिता ¨सह, कमलेश ¨सह आदि उपस्थित थे। वहीं द डीपीएस के छात्र-छात्राओं पलक कुमारी, प्रियांशु कुमार, रितेश कुमार, सोनल कुमारी, राज कुमार, प्रियांशु राज, अमृता नंदिनी आदि ने तालाबों को बचाने की शपथ ली।

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तालाब को पुनर्जीवित करने को लोगों ने थामी कमान

निरंतर पांडेय, कोचस : रोहतास। दैनिक जागरण द्वारा गत 20 दिनों से जारी अभियान तलाश तालाबों की ने प्रखंड क्षेत्र में एक नई क्रांति का संचार किया है। अस्तित्व खोते तालाबों को बचाने के लिए अब लोग चेतने लगे हैं। जिससे कूड़े व गंदगी का पर्याय बन चुके तालाबों के दिन अब बहुरने के आसार जग गए हैं। प्रखंड क्षेत्र के सूर्य मंदिर तालाब व दामोदर डिहरा तालाब को पुनर्जीवित करने को लोग आगे आने लगे हैं। समाजसेवी व जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ आम लोगों ने भी श्रमदान से पोखरों का पुराना वैभव लौटाने को फावड़ा उठा लिया है। इस क्रम में दोनों तालाबों के सौंदर्यीकरण को ले जेसीबी मशीन व फावड़े से खुदाई शुरू कर दी गई है।

दामोदर डिहरा तालाब के उद्धार को परिचर्चा :

कोचस-शिवपुर मुख्य मार्ग पर अवस्थित दामोदर डिहरा तालाब कभी पांच एकड़ क्षेत्र में फैला था। इसके ¨पड पर छठ पर्व व अन्य धार्मिक व सामाजिक अनुष्ठानों को संपन्न कराया जाता था। आज यह तालाब अतिक्रमण व गाद से उथला हो गया है। इसे बचाने को ले आयोजित परिचर्चा में लोगों ने जागरण के प्रयास की जमकर तारीफ की। ग्रामीण सुमन तिवारी, अर¨वद तिवारी, विजय तिवारी, नंदजी तिवारी, करीमन ¨सह, राधेश्याम ¨सह, डोमन राय, मंगतु साह आदि ने कहा कि जागरण के इस अभियान ने हमारी आंखें खोल दी है। अब हमें तालाबों के महत्व का पता चल गया है। इसे किसी भी किमत पर बचाएंगे। वहीं सूर्य मंदिर तालाब की सफाई को ले आयोजित परिचर्चा में दिलीप केशरी, संत बिलाश ¨सह, बिक्रमा ¨सह, राज कुमार केशरी, उमा साह सहित अन्य उपस्थित थे।

कहती हैं मुख्य पार्षद :

जागरण की पहल के बाद नगर पंचायत ने सूर्य मंदिर पोखरा के सौदर्यींकरण के लिए ठान लिया गया है। इसे किसी भी कीमत पर पूरा किया जाएगा। जन आकांक्षाओं को देखते हुए कोचस सूर्य मंदिर पोखरा की सफाई से लेकर ¨पड के चारों तरफ छठ घाट बनाना, पोखरा के मध्य मंदिर तक जाने के लिए पानी में पुल सहित पोखरा के जीर्णोद्धार के लिए नगर पंचायत कृत संकल्पित है। अभी एक लाख रुपए का कार्य कराया गया है। जबकि इसकी सौंदर्यीकरण के लिए प्राक्कलन तैयार कर नगर विकास विभाग को भेजा गया है।

रुबी देवी, उप मुख्य पार्षद

कहते हैं नप ईओ :

जागरण का कदम बहुत सार्थक है। तालाबों के प्रति लोगों में जागरूकता आई है। नगर पंचायत तालाबों के संरक्षण व जीर्णोद्वार के लिए प्रतिबद्ध है। अभी सूर्य मंदिर पोखरा का मिट्टी बराबर करने एवं कचड़ा हटाने का कार्य प्रारम्भ किया गया है।चारों तरफ पक्का घाट एवं सौंदर्यीकरण के लिए एक करोड़ का डीपीआर बनाया गया है।

शशि भूषण मिश्रा, कार्यपालक पदाधिकारी

कहते हैं विधायक :

जागरण की पहल से तालाबों के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार को लेकर क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। तालाबों को चिह्नित कर उनका पहचान दिलाया जायेगा। दामोदर डिहरा पोखरा के जीर्णोद्धार को लेकर हर तरह से पहल किया जाएगा। जिन-जिन योजना से पोखरा का जीर्णोद्वार संभव होगा, उसके लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा। कम से कम पांच पोखरा का जीर्णोद्धार इस वर्ष किया जाएगा।

वशिष्ठ ¨सह

विधायक


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