चक्कर लगाते बरस बीत गए, फिर भी नहीं मिला न्याय
रोहतास। जिले में मानव अधिकार हनन से जुड़े मामलों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा ह
रोहतास। जिले में मानव अधिकार हनन से जुड़े मामलों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है। राज्य व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की बात हो या फिर जिले में खुले मानवाधिकार संरक्षण न्यायालय की। यहां जिले से जुड़े दर्जनों मामले आज भी लंबित हैं। पांच वर्ष पूर्व जिले में खुले मानवाधिकार संरक्षण न्यायालय में फिलहाल नौ मामले सुनवाई के लिए लंबित है। पीड़ितों को सिर्फ तारीख के सिवाय अब तक कुछ नहीं मिल पाया है। मानवाधिकार दिवस पर शनिवार को एक बार फिर लोगों के अधिकारों को याद किया जाएगा। जगह- जगह गोष्ठी व अन्य कार्यक्रम कर मानव अधिकार की बात कही जाएगी। इसके लिए सड़क से सदन तक संघर्ष व लड़ाई लड़ने की बात भी लोगों द्वारा की जाएगी।
मार्च 2012 में दिनारा थाना के बरियारपुर निवासी डा. जितेंद्र प्रसाद ¨सह ने बिक्रमगंज उपकारा के अधीक्षक समेत चार लोगों पर यहां के ह्यूमन राइट्स कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया था, जो गवाही के लिए वर्तमान में लंबित है। मंडलकारा में बंद नक्सली विजय आर्या ने इस वर्ष उसके साथ दुर्व्यवहार किए जाने को ले कारा अधीक्षक पर केस किया है। कुछ दिन पूर्व राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा नटवार थाना से जुड़े एक मामले में एसपी, बिक्रमगंज के तत्कालीन एसडीपीओ व थानाध्यक्ष पर आर्थिक दंड भी लगाया गया है। पुलिसिया कार्रवाई को गलत मानते हुए आयोग ने यहां के पुलिस अधीक्षक, बिक्रमगंज के पूर्व एसडपीओ व तत्कालीन थानाध्यक्ष पर जुर्माना भी लगाया है। वहीं इसी थाना के आरटीआइ कार्यकर्ता चरण ¨सह को जेल भेजने के मामले में तीन पुलिस अधिकारियों पर 50 हजार का जुर्माना लगाया था। जुर्माना की राशि भी पीड़ित पक्ष को उपलब्ध करा दी गई है।