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नहर तटबंध टूटने से मोथा के किसानों के उड़े चेहरे

रोहतास। प्रखंड के जयश्री राजवाहा से जुड़े मोथा गांव के किसान नहर के टूटे तटबंध से त्रस्त

By Edited By: Published: Tue, 03 Jan 2017 05:15 PM (IST)Updated: Tue, 03 Jan 2017 05:15 PM (IST)
नहर तटबंध टूटने से मोथा के किसानों के उड़े चेहरे

रोहतास। प्रखंड के जयश्री राजवाहा से जुड़े मोथा गांव के किसान नहर के टूटे तटबंध से त्रस्त हैं। वहीं विभागीय अधिकारी व कृषक वितरणी समिति के सदस्य अपने धुन में मस्त हैं। एक सप्ताह में दो जगहों पर तटबंध टूटने से फसल की बर्बादी से किसानों के चेहरे हवाइयां उड़ने लगी है।

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छठू यादव, कमलेश ¨सह, रामप्रवेश ¨सह, संतोष पांडेय समेत अन्य किसानों का आरोप है कि उनकी तकलीफ सुनने वाला न तो कोई पदाधिकारी हैं, न ही जनप्रतिनिधि। सहायक कार्यपालक अभियंता इसके लिए कोई राशि नहीं होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। अधिकारियों से कई बार टूटे तटबंध पर बांध लगाने की गुहार लगाई गई। लेकिन एक सप्ताह से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। अब तो नहर दूसरी जगह भी टूट गई है। पानी का तेज बहाव गेहूं की फसल को बर्बाद कर रहा है। लेकिन अधिकारी कान में तेल डाल सो रहे हैं। किसानों का कहना है कि पहले इस राजवाहा का उतरी तटबंध बड़की फाल से पूरब टूटा। जिससे दो दर्जन से अधिक किसानों की गेहूं व चना की फसल बर्बाद हो गई। अब फाल से पश्चिम दक्षिणी तटबंध टूट गया है। पानी का तेज बहाव फसल लगी खेत को जलमग्न करते हुए खेतों में मिट्टी का ढेर लगा दिया है। अब तक नहर का पानी 20 एकड़ में लगी फसल बर्बाद कर चुका है। बावजूद अधिकारी व समिति के लोग मौन हैं। फसल बचाने को ले किसानों द्वारा किया गया हर प्रयास नाकाम साबित हो गया। फसल को अब भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। समिति के सचिव सुनील प्रजापति अपना निबंधन समाप्त होने का रोना रोते हुए कुछ भी करने में असमर्थता जाता रहे हैं। फोन पर बात करने पर कनीय अभियंता कहते हैं कि नहर को बंद कर दिया गया है। जबकि पानी का बहाव कम होने का नाम ही नहीं लेता। कार्यपालक अभियंता सुदर्शन ¨सह ने बताया कि इसबार तटबंध टूटा नहीं है, बल्कि उसे नीचे के किसानों द्वारा काट दिया गया है। वहां कुदाल के निशान बता रहे हैं कि तटबंध को काटा गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि नीचे के किसानों ने ¨सचाई के बाद फसल डूबने के भय से नहर को काट दिया है। ऐसे कार्य के लिए विभाग से राशि नहीं मिलती, जिससे समस्या खड़ी हो गई है। इसे कहीं से एडजस्ट करना पड़ता है। फिर भी कुछ लोगों को बांध की मरम्मत के लिए बोला गया है। वैसे लोगों को चिन्हित करने का भी प्रयास किया जा रहा है। नाम सामने आने पर कार्रवाई भी तय है।


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