शहीद जवान का शव पहुंचते ही माहौल गमगीन
रोहतास। जोधपुर में वायु सेना में तैनात शहीद मुकेश कुमार का पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक गांव मोथा लाया गया। शव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो उठा। मां, पत्नी, बहन व अन्य परिजन की चीख पुकार से सबकी आंखें नम हो उठीं।
रोहतास। जोधपुर में वायु सेना में तैनात शहीद मुकेश कुमार का पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक गांव मोथा लाया गया। शव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो उठा। मां, पत्नी, बहन व अन्य परिजन की चीख पुकार से सबकी आंखें नम हो उठीं। गहरा अंधेरा होने के बावजूद गांव के लाल का अंतिम दर्शन करने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। इसमें गांव के अलावे पड़ोसी गांव के लोग भी थे। शहीद के साथ आए जवान उनके शव को दरवाजे तक ले गए। मां सुनीता देवी व पत्नी माधुरी दूर से ताबूत देख कर ही पछाड़ खा कर गिर पड़ी। बड़े भाई मुनमुन ¨सह सहित अन्य परिजन का भी बुरा हाल था। विनय ¨सह व छोटन ¨सह कार्य कुशलता, संस्कार व व्यवहार की प्रशंसा कर रहे थे। दरवाजे पर पहुंचने वाला प्रत्येक शख्स पहले परिजनों को ढांढ़स बंधाने की कोशिश करता, लेकिन लोगों की हालत देख उसकी भी आंखें भर आतीं। हालांकि शहीद का अंतिम संस्कार के लिए लोग कुछ देर बाद ही बक्सर रवाना हो गए। तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को जवान अपने कंधे पर दरवाजे तक ले गए। बक्सर जाने के क्रम में छोटा भाई फौजी विकास कुमार व अन्य परिजन अपने कंधे पर ले गए। इसके पूर्व बड़ा पुत्र आदित्य ने परंपरा के मुताबिक दरवाजे व जयश्री अड्डा पर ¨पडदान किया।
पति को श्रद्धांजलि दे मूर्छित हो गिर पड़ी पत्नी माधुरी
काराकाट : पति को श्रद्धांजलि दे शहीद की विधवा माधुरी देवी उ़र्फ सोनी मूर्छित होकर गिर पड़ी। शहीद मुकेश का शव दरवाजे तक पहुंचने से पहले ही माहौल गमगीन था। एक तरफ शहीद की पत्नी माधुरी का विलाप सुनाई दे रहा था, तो दूसरी ओर मां सुनीता के क्रंदन से वहां उपस्थित भीड़ की आंखों से अश्रुधारा बह रही थी। शहीद की भाभी व भावज का भी रो-रोकर बुरा हल
था। कहीं बड़े भाई मुनमुन ¨सह बिलख रहे थे, तो छोटे भाई फौजी विकास की स्थिति भी असहज बनी हुई थी। अन्य परिजन उन्हें बड़ी मुश्किल से संभल पा रहे थे। शहीद को श्रद्धांजलि देते वक्त का ²श्य हर लोगों को मर्माहत कर देने वाला था। सेना के अधिकारी व जवान भी भावुक हो गए। उस वक्त अजीब स्थिति बन गई, जब पति को श्रद्धांजलि देते-देते माधुरी बेहोश होकर गिर पड़ी। बाद में महिलाओं के साथ उसके भाई ने किसी तरह उसे संभाला। इस दौरान 10 मिनट में वह तीसरी बार मूर्छित हो चुकी थी। बड़े भाई विनय ¨सह ने बताया कि युद्धाभ्यास के लिए जाने के दौरान वाहन दुर्घटना में उसकी मौत हो गई।
युवाओं ने की शोकसभा
काराकाट: शहीद मुकेश कुमार के पैतृक गांव मोथा में रविवार को भी मातमी सन्नाटा पसरा रहा। युवाओं ने प्राथमिक विद्यालय में शोकसभा कर किसी तरह दैनिक कार्यों की शुरुआत की। सभा में उपस्थित लोगों ने राज्य सरकार से शहीद को मिलने वाली अनुग्रह राशि शहीद के परिजनों को दिलाने, गांव में शहीद का स्मारक लगाने व उनके दोनों पुत्रों की पढ़ाई का खर्च वहन करने की मांग केंद्र व राज्य सरकार से की। इसके पूर्व मौन रख ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। सभा में यूथ काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अर्जुन गुप्ता, केदारनाथ पांडेय, शिवनाथ राम, विनोद शर्मा, मनोज राम, गौतम कुमार ¨सह, संजय कुमार सहित कई युवक थे।