गुरुनानक देव जी का मना 547वां प्रकाशोत्सव
रोहतास। गुरुनानक देव जी ने प्रभु प्रेम का गुणगान करते हुए मनुष्य को मनुष्य के साथ जोड़ने का
रोहतास। गुरुनानक देव जी ने प्रभु प्रेम का गुणगान करते हुए मनुष्य को मनुष्य के साथ जोड़ने का काम किया है। गुरूनानक देव जी के 547 वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर बुधवार को नीलकोठी स्थित गुरुद्वारा गुरु ¨सह सभा में कथावाचक भाई सतिन्द्र ¨सह ने कहा कि मनुष्यता समाज
कल्याण की ओर अग्रसर करती है। उनकी विचारधारा में ऊंच-नीच सहित किसी भी प्रकार के भेदभाव का स्थान नही है। उनकी वाणी सच्चा, अच्छा,
और नीडर इंसान बनने की प्रेरणा देती है। गुरुनानक देव जी ने
अंधविश्वास से मानवता को उबारने व भाईचारा स्थापित करने के लिए
ईश्वर का नाम जपने, किरत करने व वंड छकने की अवधारणा प्रस्तुत की। इस अवसर पर गुरुद्वारे में शबद कीर्तन व लंगर का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। मौके पर सरदार सुरजीत ¨सह, सरदार कुलदीप ¨सह,
सरदार कवंलजीत ¨सह, जोगा ¨सह, महेन्द्र ¨सह, अमनदीप ¨सह, आदि उपस्थित
थे।