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मिलरों से बकाया वसूली में प्रशासन का छूट रहा पसीना

रोहतास। जिले में मिलरों से बकाया वसूली में प्रशासन को भी पसीना छूटने लगा है। बार-बार निर्देश के बाद भी दर्जनों मिलरों पर कार्रवाई से कनीय अधिकारी कन्नी काटे हुए हैं। सार्टिफिकेट केस, प्राथमिकी के बाद संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई अबतक सिफर साबित हो रही है। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 मिलरों पर कार्रवाई के लिए दिए गए आदेश के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया है।

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 05:02 PM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 05:02 PM (IST)
मिलरों से बकाया वसूली में प्रशासन का छूट रहा पसीना

रोहतास। जिले में मिलरों से बकाया वसूली में प्रशासन को भी पसीना छूटने लगा है। बार-बार निर्देश के बाद भी दर्जनों मिलरों पर कार्रवाई से कनीय अधिकारी कन्नी काटे हुए हैं। सार्टिफिकेट केस, प्राथमिकी के बाद संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई अबतक सिफर साबित हो रही है। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 मिलरों पर कार्रवाई के लिए दिए गए आदेश के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया है।

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जिले में धान खरीद बिचौलियों के लिए कामधेनु साबित हो रही है। क्रय केंद्रों को खोलने में हो रही देरी का लाभ उठाकर बिचौलियों की आवाजाही खेत-खलिहानों में बढ़ गई है। आर्थिक तंगी झेल रहे किसान खाद-बीज को लेकर मजबूरी में उनके हाथ औने पौने दाम पर धान बेच रहे हैं। किसानों का कहना है कि पिछले पांच सालों के अनुभवों को देखें तो धान खरीद में अनियमितता के दर्जनों मामले उजागर हुए, लेकिन अबतक किसी में समुचित कार्रवाई नहीं हो पाई है। राजस्व रसीद में फर्जीवाड़ा कर 2015-16 तक धान खरीद में की गई अनियमितता को ले कई किसानों ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी। जिसके बाद की गई जांच में बिचौलियों द्वारा संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से भारी अनियमितता करने की बात सामने आई। जांच पदाधिकारियों ने सौंपे गए अपने प्रतिवेदन में पाया है कि एक ही राजस्व रसीद में हेराफेरी कर कई किसानों से धान क्रय करने, खेत का रकबा बढ़ाने व नाम में फेरबदल किया गया है। प्रतिवेदन समर्पित करने के बाद भी संबंधित अधिकारियों व बिचौलियों पर अब तक कार्रवाई नहीं होने से एक तरफ जहां किसानों में मायूसी है, वहीं बिचौलियों का मनोबल बढ़ रहा है। मिलरों ने भी बहती गंगा में हाथ धोने का काम किया है। जिसके बाद उनके पास भी लाखों का चावल बकाया है। जिला प्रबंधक दिनेश प्रसाद की मानें तो कई मिलरों के पास चावल बकाया है। प्राथमिकी के बाद भी मिलरों द्वारा राशि जमा नहीं की गई। वहीं डीएम अनिमेष कुमार पराशर कहते हैं कि मिलरों पर बकाए राशि वसूली को ले प्रशासन काफी गंभीर है। कोताही बरतने वाले अधिकारियों को भी बख्सा नहीं जाएगा।


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