को¨चग संस्थानों की व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
रोहतास । तंग कमरे, एस्बेस्टस की छतें, बिना शौचालय वाले भवनों में यहां कई को¨चग संस्थान चल
रोहतास । तंग कमरे, एस्बेस्टस की छतें, बिना शौचालय वाले भवनों में यहां कई को¨चग संस्थान चल रहे हैं। जिसमें एक साथ सैकड़ों छात्र भविष्य संवारने का सपना देख रहे हैं। कई को¨चग संस्थानों में योग्य शिक्षकों की भी घोर कमी है। सरकारी आदेश की भी अवहेलना की जा रही है। आश्चर्य यह कि जिले में को¨चग संस्थानों की संख्या न तो शिक्षा विभाग के पास है, न ही प्रशासन के पास। को¨चग संस्थानों पर नकेल कसने के लिए पांच वर्ष निबंधन को अनिवार्य किया गया था। इसके लिए अधिकारियों को जवाबदेही भी सौंपी गई। 87 संस्थानों का सर्वे भी हुआ। जिसमें दर्जन भर संस्थानों ने निबंधन के लिए आवेदन भी दिया। हैरानी वाली बात तो यह कि अभी तक निबंधित को¨चग संस्थानों की संख्या नगण्य है। चार वर्ष पहले शहर में भयंकर रूप से तोड़फोड़ व आगजनी की घटना के बाद तत्कालीन डीएम अनुपम कुमार ने को¨चग संस्थानों की निबंधन प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश संबंधित शिक्षा अधिकारियों को दिया था। आधारभूत संरचना के अभाव वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी गई थी। फरमान के तहत कुछ संस्थानों ने शुल्क के साथ आवेदन जमा भी किया। निबंधन प्रपत्र में को¨चग संस्थान का नाम, पता के साथ आधारभूत संरचना, वर्ग की संख्या के साथ-साथ विस्तृत विवरण देना अनिवार्य किया गया है। साथ ही शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता का भी उल्लेख किया जाना था। मापदंडों के अनुसार संस्थान को पाठ्यक्रमों की चर्चा, अवधि व फीस का भी उल्लेख करना है। को¨चग की आधारभूत संरचना अधिनियम के अनुसार को¨चग संस्थान के वर्गकक्ष में प्रति छात्र न्यूनतम एक वर्ग मीटर जगह होनी चाहिए।
कहते हैं अधिकारी :
को¨चग संस्थानों के निबंधन के संबंध में शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगी जा रही है। नियम के अनुसार सभी का निबंधन कराया जाएगा। आधारभूत संरचना नहीं पाए जाने पर कार्रवाई होगी।संदीप कुमारडीएम, रोहतास
को¨चग संस्थानों में आधारभूत संरचना
- समुचित उपस्कर (बेंच-डेस्क)
- पर्याप्त प्रकाशीय व्यवस्था
- स्वच्छ पेयजल व शौचालय की सुविधा
- साइकिल व वाहन पार्किंग की सुविधा
- कामन रूम की सुविधा
- आकस्मिक चिकित्सा सुविधा
- अग्निशमन की व्यवस्था