बही न खाता, नियोजन इकाई जो कहे..
रोहतास । बही न खाता, जो नियोजन इकाई कहे वही सही। यह बानगी है जिले के शिक्षक नियोजन इकाईयों की। बगैर
रोहतास । बही न खाता, जो नियोजन इकाई कहे वही सही। यह बानगी है जिले के शिक्षक नियोजन इकाईयों की। बगैर अभिलेख के इकाईयों ने शिक्षकों को नियोजन पत्र बांट दिया है। निगरानी के निर्देश पर शिक्षा विभाग को नियोजन से संबंधित जो दस्तावेज अब तक उपलब्ध हुए हैं। वह चौंकाने वाला है। अधिकांश इकाईयों ने नियोजन से संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं होने की बात कही है। किसी इकाई के पास मेधा सूची है तो बैठक व आवेदन पंजी नहीं है। किसी भी इकाई के पास वर्ष 2003 से 2012 तक के नियोजन से संबंधित अभिलेख भी उपलब्ध नहीं है। सिर्फ सदर प्रखंड सासाराम की बात करें तो यहां के 80 फीसद पंचायत नियोजन इकाईयों ने जो दस्तावेज बीईओ को उपलब्ध कराई है सब अधूरे हैं। अब सावल यह कि जिस इकाई के पास अभिलेख ही नहीं है तो विभाग या निगरानी विभाग वहां नियोजित शिक्षकों को फर्जी कैसे चिन्हित करेगी। आखिर कार्रवाई फर्जी शिक्षकों या नियोजन इकाई पर कैसे हो पाएगी। उधर नियोजन इकाई के मौजूदा पदाधिकारी भी समुचित अभिलेख उपलब्ध नहीं कराने के पीछे टाल मटोल जवाब दे रहे हैं। उनकी मानें तो पूर्व के पदाधिकारियों द्वारा नियोजन से संबंधित कोई भी अभिलेख सुपुर्द नहीं किया गया है।
कहते हैं अधिकारी
बीईओ भीम सिंह की मानें तो अब तक 19 में से 15 पंचायतों तथा सासाराम नगर परिषद नियोजन इकाई से निगरानी के निर्देश के आलोक में दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं। कोई भी इकाई पूरी सूचना उपलब्ध नहीं करा सकी है। अबतक सिकरियां, दरिगांव, करसेरूआ, आकाशी ,धौदाढ़, मोकर, भदोखरा, रामपुर, समरडीहां, नहौना, धनकढ़ा, करवंदिया व बेलाढ़ी ने ही सूची उपलब्ध कराई है। किसी ने भी वर्ष 2003 से 2012 तक के नियोजन से संबंधित पूर्ण अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया है। शेष इकाईयों को रविवार तक दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया गया है। कहा कि इकाई के पास दस्तावेज उपलब्ध नहीं होना एक गंभीर मामला है। इसमें इकाई सरासर दोषी है।