चयन तो हुआ, जनसुविधाओं की परीक्षा बाकी
रोहतास । अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) में चयन होने के बाद डेहरी-डालमियानगर नगर परिषद को
रोहतास । अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) में चयन होने के बाद डेहरी-डालमियानगर नगर परिषद को जन सुविधाओं को ले अभी भी आधारभूत संरचना को ले संशय बरकरार है। चयन के बाद भी इस शहर को पहले जन सुविधाओं की परीक्षा से गुजरना होगा।
पांच वर्ष सिटी प्लान में शामिल इस शहर में 2015 तक सीवर लाइन सहित कई योजनाओं को मूर्तरूप दिया जाना था। जो अबतक कागजों तक सीमित है। अबतक न तो सीवर लाइन का कार्य मूर्त रुप ले सका है, न हीं ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त हो पाया है। पेयजलापूर्ति की व्यवस्था भी यथावत है। पुलिस मुख्यालय व औद्योगिक नगर होने के कारण डेहरी-डालमियानगर नप क्षेत्र को जिले का आइना कहा जा सकता है। लेकिन यहां की हालत दिनोदिन बदतर होती जा रही है। इस शहर के पूरब में महानद सोन व पश्चिम में सोन नहरें है। शहर में सीवर लाइन न होने का दर्द भी है।
सिटी प्लान :
शहर को नगरीय आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु 2010 में चयन किया गया। नप क्षेत्र के विकास हेतु नगर विकास योजना (सीडीपी) तैयार किया गया था। 21.3 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले 39 वार्डो के डेढ़ लाख से ज्यादा की आबादी को विकास की आस जगी। लेकिन अब तक 79.60 करोड़ की लागत से सीवर लाइन का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। पेयजलापूर्ति हेतु 95.76 करोड़, 48.41 करोड़ का ड्रेनेज प्रोजेक्ट कागजों में ही सिमट कर रह गया। कूड़ा प्रबंधन हेतु 6.98 करोड़ की योजना भी धरी की धरी रह गई। जबकि सिटी प्लान के तहत पहले फेज का कार्य 2015 तक पूर्ण हो जाना था।
अब ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत पर आस : अमृत योजना प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के कारण लोगों में उम्मीद की किरण तो जगी है। लेकिन समय से कार्य पूरा होने को ले लोगों में संशय अब भी बरकरार है।
कहते हैं मुख्य पार्षद :
मुख्य पार्षद शंभू राम का कहना है कि अमृत योजना से शहर की तस्वीर बदलेगी। यह पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट है, इसे हर हाल में पूरा होना है।