पैक्स चुनाव ::: चुनावी राजनीति में हो रही शाम गुलाबी
राजपुर (बक्सर) : पैक्स चुनाव के नामाकन के बाद उम्मीदवारों पर उहापोह खत्म हो गया है। इसके साथ ही चुनावी सरगर्मी जैसे-जैसे तेज हो रही है वैसे-वैसे प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को गुमराह करने की कवायद भी शुरू हो गयी है। गांवों में भोज की राजनीति के बहाने शाम गुलाबी हो रही है। दिनभर प्रचार अभियान और शाम में नेता के पैसे से जाम छलक रहे हैं।
चुनावी दंगल में नए और पुराने दोनों प्रत्याशियों के बीच काफी गहमागहमी चल रही है। इसी गहमा गहमी के बीच प्रत्याशियों द्वारा मत लेने के नाम पर खास इंतजाम किए जा रहे हैं। खासतौर पर शराब और कबाब की कवायद काफी जोरों पर चल रही है। इस व्यवस्था से आम ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुफ्त का शराब पीकर नेता जी के बगल-बच्चे गलियों में मंडराते रहते हैं। चुनाव आयोग द्वारा जारी फरमान के अनुसार किसी भी प्रत्याशी को अधिकतम 5000 रूपये तक की राशि खर्च करनी है। लेकिन, ग्रामीणों का कहना है कि पांच-दस हजार रुपये तो रोज की पार्टियों पर खर्च किये जा रहे हैं। यह नजारा खासकर क्षेत्र के सगरांव बाजार, राजपुर, हंकारपुर, बन्नी, देवढि़या सहित क्षेत्र के पंचायतों में देखा जा सकता है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ ग्रामीणों ने बताया कि लोकसभा व विधानसभा चुनावों में पर्यवेक्षक होते हैं और उनके डर से इस तरह की हरकतों पर लगाम लगता है। परंतु, इसमें तो चुनाव आचार संहिता जैसी कोई बात ही नहीं दिखती।