कालाबाजारी की शिकायत पर कार्रवाई
संवाद सहयोगी, डेहरी-आन-सोन (रोहतास) : मानसून के रूख से किसानों को जो परेशानी हुई वह कम नहीं थी। फिर भी किसानों ने किसी तरह धान की रोपनी की लेकिन अब खाद किल्लत व काजाबाजारी से हताश व परेशान हैं। वैसे पहले ही कम बारिश होने से किसान खेती-बारी में पिछड़ गये हैं, अब किसानों को अधिक मूल्य चुकता कर खाद खरीदनी पड़ रही है। इस मामले में अधिकारी का कहना है कि कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
सांठ-गांठ से कालाबाजारी
दुर्गापुर के किसान प्रवीण दूबे कहते हैं सरकार सुविधा देने की घोषणा करती है, परंतु नौकरशाही व खाद दुकानदारों की सांठ-गांठ से कालाबाजारी की भेंट चढ़ जा रहा है।
अधिक दाम पर बेचना लाजिमी :
खाद विक्रेताओं की मानें तो कम वर्षा होने के कारण फास्फेट की खरीदारी में काफी रही है लेकिन यूरिया खाद की बिक्री अच्छी हो रही है तो अधिक दाम पर बेचना लाजिमी है।
डेहरी प्रखण्ड में खरीफ में खाद की आवश्यकता-
यूरिया - 20 हजार बैग
डीएपी - 6 से 8 हजार बैग
एनपीके - 16 हजार बैग
एमओपी - 4 से 5 हजार बैग
एसएसपी - 3 हजार बैग
प्रखण्ड क्षेत्र में खरीफ में सिंचाई का लक्ष्य-
सोन नहर से - 6500 हेक्टेयर
सरकारी नलकूप - 400-500 हेक्टेयर
नीजी नलकूप - 1000 हजार हेक्टेयर।
कहतें हैं अधिकारी : पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार कहते हैं खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। प्रखण्ड की दर्जन दुकानों से खाद की बिक्री हो रही है। बैग पर लिखित मूल्य पर ही किसान खाद खरीदें और कैशमेमो अवश्य लें। नीम कोटेड यूरिया भी प्रयोग में लाएं। कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर खाद विक्रेता के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी।