लोड शेडिंग से बढ़ी किसानों की परेशानी
संवाद सहयोगी, डेहरी-आन-सोन (रोहतास) : विद्युत लोड शेडिंग से किसानों की समस्या बढ़ने लगी है। गत एक सप्ताह से बारिश पहीं होने से धान की फसल को बचाने में उन्हें डीजल पम्प चलाना पड़ रहा है। वहीं शहरी क्षेत्र में भी उमस भरी गर्मी से लोग परेशान हैं। गत तीन दिनों से महज 5 से 8 मेगावाट विद्युत आपूर्ति की जा रही है। जबकि आवश्यकता यहां 30 मेगावाट की है। बिजली कटौती से आक्रोशित कई संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
तिलौथू, रोहतास, नौहट्टा सहित दक्षिणी भाग के किसानों की अधिकांश खेती बिजली पर आधारित है। भादो चढ़ते ही हुई वर्षा के बाद कई जगहों पर धान की रोपनी शुरू हुआ। परन्तु कुछ ही दिन में बारिश थमने के बाद किसान रोपे गए धान के बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं। गोड़इला के किसान महेन्द्र यादव कहतें हैं कि बिजली की किल्लत से खेती चौपट हो रही है। अल्पवृष्टि के कारण एक तो रोपनी विलंब से प्रारंभ हुई, अब रोपे गए धान को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे है। कहाकि बिजली की स्थिति यही रही तो किसान आंदोलन करने को बाध्य होंगे। डेहरी के कचौड़ी गली निवासी अक्षय कुमार कहते हैं अनियमित विद्युत आपूर्ति से उनकी पढ़ाई बाधित है। व्यवसायी सुरेश कुमार कहते हैं गर्मी में बिजली कटौती से व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। आमदनी कम होने के बावजूद जेनरेटर पर आश्रित रहना पड़ता है। जिससे आर्थिक क्षति हो रही है। राजपूतान मुहल्ला निवासी सलीमुद्दीन कहते हैं कि बिजली की भारी कटौती से पेयजल के अलावा बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कामकाजी महिला प्रभा श्रीवास्तव कहती हैं बिजली की अनियमितता से पेयजलापूर्ति बाधित हो जाती है। बीएमपी सब स्टेशन के कर्मियों के अनुसार गुरुवार को भी पांच घंटा लोड शेडिंग किया गया।
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कहते हैं अधिकारी
सहायक अभियंता निशांत कुमार कहते हैं कि सीएलडी से जितनी बिजली प्राप्त हो रही है उतनी सब स्टेशन को आपूर्ति की जा रही है। सीएलडी से 30 मेगावाट विद्युत आपूर्ति की मांग नियमित की जा रही है। लेकिन बिजली की अनुपलब्धता के कारण कम आपूर्ति हो रही है। एक-एक घटे के अंतराल पर प्रत्येक फीडरों में बिजली की आपूर्ति की जा रही है।