उफनाई काव से चांदी बांध को टूट का खतरा
संवाद सूत्र, अकोढ़ीगोला (रोहतास) : दो दिनों की लगातार बारिश से उफनाई काव नदी के पानी के दबाव से सोमवार की रात चांदी हल्का बांध टूटने के कगार पर पहुंच गया। बांध से अंदर ही अंदर पानी को रिसते देख ग्रामीणों के होश उड़ गए। ग्रामीणों ने रात में ही बैठक कर श्रमदान से बांध मरम्मति का निर्णय लिया। सुबह से सैकड़ों ग्रामीण खंचिया कुदाल ले बांध मरम्मत कार्य में जुट गए है।
बताते चले कि पिछले वर्ष भी हल्का बांध टुटने पर ग्रामीणों ने 12 अगस्त को श्रमदान से इसकी मरम्मत की थी। जिससे गांव व खेत को जलमग्न होने से बचाया जा सका था। तब तत्कालीन बीडीओ शम्भुनाथ गुप्ता ने चार माह के अंदर मररेगा के तहत हल्का बांध निर्माण का आश्वासन ग्रामीणों को दिया था। बावजूद इस दिशा में आज तक कोई कार्रवाई नही की जा सकी। ग्रामीण बनारसी कुशवाहा, श्याम बिहारी सिंह का कहना है कि 2008 में तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा व अपर सचिव एसएम राजू ने बांध का निरीक्षण किया गया। इसके बाद 70 लाख रुपए की योजना बनाई गई थी। किंतु योजना अब तक फाइलों में अटकी है। इस संबंध में कोई अधिकारी स्पष्ट जबाब नहीं दे पा रहे हैं। इंद्रजीत सिंह, बिहारी साव, राधा बैठा कहते हैं कि यदि श्रमदान से मंगलवार को बांध मरम्मति शुरू नही की जाती, तो 1976 की तरह इस बार भी बाढ़ से तबाही मच सकती थी, आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बड़ी आबादी वाले इस गांव के ग्रामीण अपनी किस्मत से जीते है। सरकार ने हमें हमारे कर्मो पर छोड़ दिया है फिर भी हम हारने वाले नहीं हैं। खुद की बांहों के बल पर अपनी किस्मत तय करेंगे। बीडीओ सरफराजुदिन आलम का कहना है कि अग्रिम कार्य के लिए एक योजना जिला मुख्यालय को भेजी गयी है।