तर्पण : मां की याद में भर आती हैं आंखें
पूर्णिया । परोरा के अभय नाथ झा ने अपनी मां को याद करते हुए लिखा है कि मेरी मां एक किसान
By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 07:53 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 07:53 PM (IST)
पूर्णिया । परोरा के अभय नाथ झा ने अपनी मां को याद करते हुए लिखा है कि मेरी मां एक किसान थी और पिताजी के जल्दी चले जाने के बाद उन्होंने हमारा बखूबी पालन-पोषण किया। मां शिक्षा की पक्षधर थी और खुद अशिक्षित होते हुए भी हम तीन भाईयों को पढ़ाया लिखाया। आज मैं शिक्षक हूं और जिस कठिन मेहनत से मां ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है, याद करता हूं तो आंखें भर आती हैं। खुद भूखे रहकर हमें खिलाती थी। आज मैं शिक्षक बनकर बच्चों के भविष्य को रोशन करने में लगा हूं। यह सब मां के बदौलत ही संभव हुआ।
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