सामान्य जनमानस की भाषा है हिंदी
पूर्णिया। भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया में ¨हदी दिवस का आयोजन महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा इकाई द्वारा किया गया।
पूर्णिया। भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया में ¨हदी दिवस का आयोजन महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए डा. जेएन. श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं को बताया कि भारतवर्ष में 14 सितंबर को ¨हदी दिवस मनाया जाता है। बोल-चाल की भाषा में ¨हदी का पतन होता जा रहा है। लोग इसे अपनी जुबान पर लाने में डरते हैं। वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने ¨हदी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। भारत देश में प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय सेवा योजना पदाधिकारी डाø पंकज कुमार यादव ने छात्रों को बताया कि समूचे देश के विकास के लिए हिन्दी प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि भारत की स्वतंत्रता के समय संविधान निर्माताओं के सामने विशेष समस्या आयी क्योंकि इस देश की विशाल जनसंख्या अनेक भाषायें बोलती थी। संविधान के निर्माताओं को शासकीय पत्राचार के माध्यम के रूप में कुछ भाषाओं को चुनना था जिसमें कि देश में अनावश्यक भ्रम न रहे। उस समय कुल 1652 भाषायें थी जिसमें 91 प्रतिशत लोग 18 भाषाओं का प्रयोग करते थे और इस सब में कुल 46 प्रतिशत लोग बोलने एवं समझाने में हिन्दी भाषा का प्रयोग करते थे। इस प्रकार संविधान की आठवीं अनुसूची में इन 18 भाषाओं को सम्मिलित किया गया। भारत की स्वतंत्रता के पश्चात 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया था कि हिन्दी खड़ी बोली भारत की राजभाषा होगी। संविधान सभा में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्पष्ट तौर पर कहा कि भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के हित में हमें हिन्दी को अपनाना चाहिए इस प्रकार लंबी बहस के बाद भारत संघ की भाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी स्वीकार की गईं। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में इस दिन हर साल हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस प्रकार हिन्दी विश्व की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
इस अवसर परश्री एसपी सिन्हा, डाø दिलीप कुमार महतो, डाø जनार्दन प्रसाद सहायक प्राध्यापक डाø अनिल कुमार, कामिनी कुमारी, डॉ रवि केशरी डॉ रणवीर कुमार एवं प्रोø मणिभूषण ने सहयोग प्रदान किया।
इस अवसर पर वैज्ञानिक एवं छात्रों में, राहुल, राज कुमार, अभिषेक, सौरभ, मृणाल, सूरज, छात्राएं मनीषा, राधिका, पूजा रोमा, अनुपम आदि ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी वैज्ञानिक एवं छात्र, छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।