शराबबंदी की सफलता की कहानी खूब लड़ी मर्दानी की जुबानी
पूर्णिया। शराबबंदी की सफलता की कहानी अब नुक्कड़ खूब लड़ी मर्दानी के माध्यम से दिखाई जाएगी।
पूर्णिया। शराबबंदी की सफलता की कहानी अब नुक्कड़ खूब लड़ी मर्दानी के माध्यम से दिखाई जाएगी। इसके माध्यम से दिखाया जाएगा शराब का कारोबार बंद करवाने के लिए एक महिला का अपने परिवार के साथ संघर्ष। पटना के उदय कुमार द्वारा रचित इस नुक्कड़ को मानव श्रृंखला के बाद प्रदर्शित किया जाएगा। अब तो कदम उठाना होगा नुक्कड़ की सफलतम प्रस्त़ुति के बाद यह दूसरी पेशकश होगी। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में इस नुक्कड़ को प्रथम पुरस्कार मिल चुका है।
दरअसल खूब लड़ी मर्दानी की पृष्ठभूमि जहानाबाद की ¨रकी देवी के संघर्ष पर लिखी गई है लेकिन इसमें महिलाओं के द्वारा शराब बंद करवाने के संघर्ष को चित्रित किया गया है। इसमें बताया है कि सरकार द्वारा शराबबंदी की घोषणा के बाद महिलाओं को बल मिला। वे खुलकर शराब के खिलाफ के बोलने लगी और पुलिस से शिकायत करने लगी। ¨रकी की शादी ऐसे परिवार में होती है जहां शराब बनाने का धंधा होता है। मैट्रिक पास ¨रकी इसका विरोध करती है उसके साथ उसके ससुराल के लोग मारपीट भी करते हैं, ¨रकी टोला सेवक बन जाती है। सरकार द्वारा शराबबंदी की घोषणा बाद वह अपने परिवार की शिकायत पुलिस से करती है और पुलिस कार्रवाई करती है। ऐसी घटनाएं जिले में भी कई हो चुकी हैं। यहां भी महिलाओं ने शराब के खिलाफ जमकर लोहा लिया है, लिहाजा नाटक लोगों के दिल को छुएगा। इससे पूर्व लेखक उदय कुमार द्वारा लिखित नुक्कड़ अब तो कदम उठाना होगा का भी समाज में अच्छा प्रभाव दिखा। कसम द्वारा इस नाटक की प्रस्तुति जिले के हर पंचायत में की गई थी। शराब के खिलाफ लोगों को कमर कसने का आह्वान करते इस नाटक की प्रस्तुति फिलहाल मानव श्रृंखला को ध्यान में रखकर कसम द्वारा जिला लोक शिक्षा समिति के जिला सचिव मोहन झा के नेतृत्व में की जा रही है।
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कोट के लिए-----
जिला लोक शिक्षा समिति, साक्षर भारत मिशन पूर्णिया द्वारा नुक्कड़ नाटक खूब लड़ी मर्दानी को प्रदर्शित करने का जिम्मा कसबा सांस्कृतिक मंच (कसम) को दिया गया है। मानव श्रृंखला बाद इसका प्रदर्शन चिन्हित पंचायतों में किया जाएगा।
एस रोहितस्व पप्पू, निदेशक, कसम