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केला पर बाढ़ का कहर, किसानों की टूटी कमर

पूर्णिया। रूपौली में बाढ़ मकई, धान के बाद अब केला पर कहर ढ़ाना शुरू कर दिया है। यह फ

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 09:04 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 09:04 PM (IST)
केला पर बाढ़ का कहर, किसानों की टूटी कमर

पूर्णिया। रूपौली में बाढ़ मकई, धान के बाद अब केला पर कहर ढ़ाना शुरू कर दिया है। यह फसल जितना पैसा देती है, उतनी इसमें खर्च भी आती है। मकई के बाद किसानों के लिए केला हरा सोना से कम नहीं होता है। आज क्षेत्र में जितना भी विकास देखा जा रहा है, वह केला की फसल की बदौलत ही है। हरनाहा, मेंहदी, बैरिया, श्रीमाता, छर्रापटी, टीकापटी, धूसर, तेलडीहा, गोडियर, डोभा आदि गांवों में केला की फसलें डूबने लगी हैं । किसान अपनी फसल को बचाने के लिए उंचे-उंचे मेड़ बना रहे हैं, परंतु जिस प्रकार पानी बढ़ ही रहा है इससे लगता नहीं है कि वे कामयाब नहीं हो पायेंगे। किसान ब्रहमदेव महतो, सुमन कुमार, मनोज कुमार, अविनाश मंडल, र¨वद्र गुप्ता, राकेश मंडल, बबुजन मंडल, राजेश मंडल, सुरेश यादव आदि ने कहा कि यहां बाढ़ आर्थिक क्षति का सबसे बड़ा कारण है। हर बार बाढ़ यहां सर्वनाश कर चली जाती है। एसडीओ पवन कुमार मंडल ने बताया कि जैसे ही पानी घटेगा, मुआवजा के लिए सर्वेक्षण होना शुरू हो जाएगा।


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