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उफनाई नदियां, बाढ़ की चपेट में कई गांव

पूर्णिया। महानंदा, परमान एवं कनकई तीनों नदियां उफना गई है। इन नदियों के जलस्तर में लगातार

By Edited By: Published: Fri, 22 Jul 2016 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jul 2016 03:01 AM (IST)
उफनाई नदियां, बाढ़ की चपेट में कई गांव

पूर्णिया। महानंदा, परमान एवं कनकई तीनों नदियां उफना गई है। इन नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। जिसके कारण बायसी के चार पंचायत के दर्जन भर से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में है। इनमें कई गांव के लोगों के आंगन एवं घर

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में पानी घुस गया है। यदि जलस्तर में इसी प्रकार वृद्धि होती रही तो लोगों को घर-द्वार छोड़ कर कहीं

उंचे स्थान पर शरण लेना पड़ेगा। बायसी के चोपड़ा पंचायत अंतर्गत सिमलबाड़ी से चरैया को जोड़ने वाली सड़क पर रेहुआ से सिमलबाड़ी के बीच चार फीट पानी बह रहा है। यहां के रेहुआ, चन्द्रगांव चहुं ओर पानी से घिर गया है। कनकई नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण इस गांव के अधिकांश लोगों के आंगन में पानी घुस गया है। मध्य विद्यालय चन्द्रगांव परिसर पानी से भर गया है। जिसके कारण स्कूल में तालाबंदी कर दी गई है। सड़क पर पानी की तेज धार बहने के कारण आवागमन में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। यदि कनकई नदी के जलस्तर में इसी प्रकार बृद्धि होती रही तो चौबीस घंटे के अन्दर रेहुआ, गुड़िहाल, चन्द्रगांव के लोगों को घर छोड़ किसी उंचे स्थान पर शरण लेना पड़ सकता है। प्रखंड के ताराबाड़ी पंचायत इन दिनों टापू बन चुका है। कनकई नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से इस पंचायत के छह गांव बाढ़ की चपेट में है। इस पंचायत के लौटियाबाड़ी महादलित बस्ती के ग्रामीणों के घर-आंगन में पानी घुस जाने के कारण गांव के कई परिवार मध्य विद्यालय ताराबाड़ी में शरण लिए हुए है। इस पंचायत के ताराबाड़ी, चनकी, भसिया, टिक्कड़ टोला, खाड़ी गांव बाढ़ की चपेट में है। कई लोगों के आंगन में पानी घुस गया है। यदि नदी के जलस्तर में कमी नहीं हुई तो कई गांव के लोगों को घर छोड़ कर कहीं उंचे स्थान में शरण लेना होगा। ताराबाड़ी पंचायत पानी से घिरे रहने के कारण यहां के लोग रतजगा कर रहे हैं। पानी बढ़ने के कारण रोगियों को काफी कठिनाई हो रही है। मुखिया नजमुल होदा ने बताया कि करीब दस वर्ष पूर्व यहां छह नाव दिया गया था जिसमें चार नाव बेकार हो चुकी है। दो नाव आवागमन के लिए थी जिसे सीओ के आदेश से दो दिन पूर्व अन्यत्र भेज दिया गया।

परमान नदी के जलस्तर बढ़ने से बायसी के खपड़ा पंचायत के कई गांव बाढ़ की चपेट में है। पंचायत के मथुरापुर, खपड़ा, चौनी, ग्वालगांव, ककहड़वा, सोतीभाग, डेंगाटोली पानी से घिर गया है। जिसमें मथुरापुर, डेंगा टोली, खपड़ा गांव के कई लोगों के घर में पानी प्रवेश कर चुका है। पानी में लगातार वृद्धि से लोग दहशत में है। पूर्व मुखिया अरूण यादव ने बताया कि यदि पानी बढ़ने की रफ्तार यही रही तो इन गांव के लोगों को घर खाली कर उंचे स्थान पर शरण लेना होगा। प्रखंड के गांगर पंचायत के मालोपाड़ा तेलंगा, नीम टोला, गोहास पश्चिम टोल के कई लोगों के घर महानंदा नदी का पानी घुस गया है। चरैया पंचायत के पूरब पार डंगराहा गांव में महानंदा का पानी घुस गया है। गांव से निकलने का रास्ता अवरूद्ध हो गया है। मध्य विद्यालय तेलंगा परिसर में पानी प्रवेश कर गया है। मीनापुर पंचायत के चहट, फूलभाषा, गुवागांव,

हरिपुर महानंदा नदी के चपेट में है। गांव के कई लोगों के घर पानी घुस चुका है। पुरानागंज पंचायत के नवाबगंज गांव के लोगों के आंगन में महानंदा नदी का पानी घुस गया है। इस पंचायत के मझवार, भिखनपुर गांव बाढ़ की चपेट में आ चुका है। लोग शरण लेने के लिए उंचे स्थान पर जा रहे हैं। बनगामा पंचायत के मड़वा गांव में महानंदा नदी का पानी प्रवेश कर गया है।

सीओ संजीव त्रिवेदी ने बताया कि परमान, कनकई, महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कहीं भी घर में पानी घुसने की सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि जलस्तर में इसी प्रकार वृद्धि हुई तो सुबह तक कई गांव के लोगों के घर में पानी घुस जाएगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित सभी गांव का सर्वे करा लिया गया है। स्थिति सामान्य है। बाढ़ से निपटने के लिए सभी प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई है। शिविर के लिए स्थान चिह्नित किया जा चुका है।


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