किसानों को मिलने लगा मिट्टी जांच का प्रमाण पत्र
पूर्णिया। प्रखंड के किसानों को मिट्टी की जांच का प्रमाण-पत्र मिलना शुरू होने से किसानों के चे
पूर्णिया। प्रखंड के किसानों को मिट्टी की जांच का प्रमाण-पत्र मिलना शुरू होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। यह प्रमाण-पत्र मात्र यहां के ¨सहपुर दियारा, गोड़ियर पश्चिम एवं कोयली सिमड़ा पश्चिम पंचायत के किसानों को ही मिल रहा है क्योंकि इन्हीं तीनों पंचायतों की मिट्टी की जांच जनवरी में हो पाई थी। इस अवसर पर कृषि समन्यवक पंकज कुमार, मोती कुमार ने बताया कि मिट्टी जांच प्रमाण-पत्र मिलने से किसानों को अगले तीन वर्षों तक किसान अपने खेतों में संतुलित उर्वरक डालकर अच्छी फसल उपजा सकेंगे। इसके लिए प्रमाण पत्र में खासकर दो फसलें धान एवं गेहूं की फसल के बारे में लिखा गया है कि कौन से उर्वरक की खेतों में कितनी जरूरत है। प्रमाण-पत्र में डीएपी, यूरिया, पोटाश आदि का खेतों में मात्रा एवं उसकी कितनी जरूरत है, सभी लिखे गए हैं। बिना जांच किए किसानों को उर्वरक प्रयोग से एक तो मिट्टी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था तो दूसरी ओर किसानों को आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ती थी। प्रमाण-पत्र प्राप्त करते हुए नयी नंदगोला के किसान अभिनंदन पासवान ने बताया कि प्रमाण-पत्र में दिए गए उर्वरक की मात्रा को देखकर आश्चर्य लगता है कि उनके खेत में अभी भी उर्वरक की मात्रा है। साथ ही उसमें अभी लगाने वाले खरीफ फसल में धान की खेती करने के लिए स्पष्ट चार्ट बना हुआ है। अब उन्हें उर्वरक देने में परेशानी नहीं होगी। इसी तरह अनेक किसानों ने खुशी जताई है। इस अवसर पर समन्वयक पंकज कुमार, मोती कुमार, किसान सलाहकार सोनू कुमार, राकेश कुमार सहित अनेक कृषिकर्मी मौजूद थे।