सिद्धि प्रदाता हैं बाबा सिद्धेश्वर नाथ महादेव
पूर्णिया। जिला मुख्यालय से छह किमी दक्षिण राष्ट्रीय उच्च मार्ग 31 में कारी कोसी नदी पर स्थित हर
पूर्णिया। जिला मुख्यालय से छह किमी दक्षिण राष्ट्रीय उच्च मार्ग 31 में कारी कोसी नदी पर स्थित हरदा पुल से सटे उत्तर-पश्चिम किनारे स्थित बाबा सिद्धेश्वरनाथ मंदिर सिद्धि प्राप्ति के लिए विख्यात है। शिवालय में दूर-दराज से साधु-संत साधक सिद्धि प्राप्ति करने आते हैं। सावन में यहां हर सोमवारी के अलावे नित्य हजारों की संख्या में काढ़ागोला व मनिहारी गंगा घाट से जल भरकर पूíणया प्रमंडल के विभिन्न हिस्से से श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करने आते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सति बिहुला के ससुर व सुप्रसिद्ध व्यवसायी भागलपुर के चंपानगर निवासी चांदो सौदागर के नाव का ठहराव व्यवसाय के दौरान इसी जगह होता था। उन्हीं के द्वारा यहां शिव¨लग की स्थापना की गई। कई पुराणों में र्विणत के अनुसार यहां कई ऋषि-मुनियों का विवाह भी संपन्न होने का जिक्र पाया गया है। तत्पश्चात महाराजा बनैली, चंपानगर पूíणया द्वारा शिवालय का निर्माण कराया गया। बताया जाता है कि सन 1965 में हुई प्रलंयकारी भूकंप व तबाही के बाद सत्तन प्रसाद लाल, मिल्की गांववासी बासदेव प्रसाद यादव व बौकी साह, नवलकिशोर ¨सह, पूíणया के सहयोग से मंदिर की मरम्मत कराई गई। बताया जाता है कि धरमपुर परगना एवं राजा विराट का सीमांकन पर स्थित बाबा का मंदिर में महाराजा दरभंगा के कामेश्वर ¨सह व अन्य राजाओं के बीच राज दरबार में विचार-विमर्श भी किया गया था। बताया जाता है कि कोढ़ा कटिहार के परमानंदपुर गांववासी संत लाल मंडल द्वारा मंदिर से सटे हीरा धार में मखाना की खेती की जाती थी। ऐसे में मखाना का गुड़ िउठाने में अनेकों कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। सन 1975 में संत लाल मंडल द्वारा माता पार्वती का मंदिर निर्माण कराया गया।
बताते हैं कि बाबा मंदिर के नाम महाराजा बनैली चंपानगर द्वारा दी गई जमीन भी उपलब्ध है। मंदिर कमेटी द्वारा पूरे सावन एवं महाशिवरात्रि को लेकर व्यापक व्यवस्था की जाती है। फिलवक्त यहां छोट-बड़े नेता, व्यवसायी, कृषक, सरकारी सेवक सहित मिल्की, मरंगा, हरदा, कबैया, गंगेली सहित जिले के हर क्षेत्र में लोगों की सक्रियता से मंदिर का देखभाल चल रहा है। यहां मंदिर कमेटी द्वारा यज्ञ, हवन कुंज, चहारदीवारी सहित कई विकास कार्य हुए हैं। निरंतर यहां शादी-विवाह, बच्चों का मुंडन संस्कार आदि कार्य होते रहता है। क्षेत्रवासियों ने विधायक, सांसद सहित जिला प्रशासन से बाबा मंदिर को पर्यटन केंद्र बनवाने की मांग की है।