खुशबू की मौत के साथ दफन तो नहीं हो गया हत्या का राज!
पूर्णिया। खुशबू हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस टीम पखवारे भर में शून्य पर ही टिकी है
पूर्णिया। खुशबू हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस टीम पखवारे भर में शून्य पर ही टिकी है। गला रेतकर की गई निर्मम हत्याकांड में पुलिस एक तरफ सबूतों की अकाल से जूझ रही है दूसरी तरफ जांच अधिकारी का मौन बता रहा है कि हाथ पैर मारकर थक चुके हैं। जांच अधिकारी अनुसंधान चल रहा है वाली रटरटाया जबाब के अलावा कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि यह स्याह सच भी है कि उनके पास बता पाने के लिए भी कुछ नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि मौत के साथ ही खुशबू की हत्या का राज दफन तो नहीं हो गया। अगर ऐसा हुआ तो हत्या आरोपी पति प्रवीण सिन्हा व देवर पवन सिन्हा के लिए पुलिस की सुस्ती काम आएगी। अगर नहीं तो इसमें कोई शक नहीं कि हत्यारा बच निकलने में कामयाब हो जाएगा।
10 जुलाई की अल सुबह बेड रूम में खून सना शव मिलने के बाद से ही खुशबू की हत्या पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर पति प्रवीण सिन्हा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने लायी थी। इसके बाद देर शाम खुशबू सिन्हा के भाई अमित वर्मा के फर्द बयान पर पति प्रवीण सिन्हा और देवर पवन सिन्हा को नामजद आरोपी व सास-ससुर पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इसी आधार पर हिरासत में लिए गए पति प्रवीण सिन्हा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। प्रवीण की गिरफ्तारी, एफएसएल टीम के द्वारा जांच के लिए जुटाए गए सबूत व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सहारे ही हाथ पर हाथ धरे बैठे रह गई। जबकि शादी के बाद से ससुराल में रह रही खुशबू को घर बसाने बिहारशरीफ से पूíणया पहुंचाने लायीं सास-ननद से पूछताछ करना भी पुलिस अब तक मुनासिब नहीं समझी। इसके इतर पुलिस अब तक पवन सिन्हा को गिरफ्तार करने को लेकर कोई ठोस प्रयास तक नहीं की है। एक सप्ताह से सीडीआर में उलझी पुलिस खुशबू का प्रेम संबंध तलाशने में ही अपनी एनर्जी लगा चुकी है जबकि जांच की दूसरी दिशा तो यह भी हो सकता था कि पति प्रवीण सिन्हा के प्रेम संबंध की जांच पड़ताल की जाती। जांच में सुस्ती व जांच अधिकारी के रवैये से ऐसा लगता है कि नामजद प्राथमिकी और एफएसएल रिपोर्ट के भरोसे बैठी पुलिस हत्या का राज व इसके अंदर की पड़ताल करना नहीं चाहती है।